10 दुर्लभ परंपराएं जो आज भी आधुनिक भारत में प्रचलित हैं

10 दुर्लभ परंपराएं जो आज भी आधुनिक भारत में प्रचलित हैं

भारत, दुनिया की सबसे पुरानी और शहरी सभ्यता अर्थात सिंधु घाटी सभ्यता का देश है। इसलिए, प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत तक भारतीय समाज में विभिन्न संप्रदायों, रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और संप्रदायों का उद्भव एवं रूपांतरण होता रहा है। इनमें से कई संप्रदायों और रिवाजों का आधार धार्मिक और सामाजिक था.

आज के वैज्ञानिक युग में भी भारत में बहुत सी प्राचीन परम्पराएँ प्रचलित हैं. जिनमें कई वैज्ञानिक रूप से बहुत सटीक मालूम पड़तीं हैं वहीँ कुछ परम्पराएँ केवल अन्धविश्वास पर आधारित हैं. आइये इन परम्पराओं के बारे में जानते हैं.

10 दुर्लभ परंपराएं जो आज भी आधुनिक भारत में प्रचलित हैं

  • भारत में एक जिप्सी जनजाति है जो मौत को अपने जीवन का सबसे खुशनुमा पल मानते हैं जबकि बच्चे के जन्म को दुःख की घड़ी मानते हैंl
  • मलाना, हिमाचल प्रदेश राज्य में एक प्राचीन भारतीय गांव है। वहां के लोग खुद को सिकंदर महान का वंशज मानते हैं और उनकी स्थानीय अदालत प्रणाली भी प्राचीन ग्रीक प्रणाली को दर्शाता है।
  • भारत में, शादीशुदा महिलाये पैर में "बिछिया" पहनती हैंl ऐसी भ्रान्ति है कि बिछिया तंत्रिकाओं पर दबाव डालता है जिससे प्रजनन प्रणाली और स्वास्थ्य दोनों में संतुलन बना रहता हैl हिन्दू नववर्ष को भारत में किन-किन नामों से जाना जाता है
  • भारत में, आज भी साँप को देवता के रूप में पूजा जाता हैl इस दौरान कई स्त्रियाँ सांपों को दूध पीने के लिए देती हैं जबकि हकीकत यह है कि सांप कभी भी दूध नहीं पीता हैl
  • कुछ दूरदराज के भारतीय गांवों में, बच्चो को मंदिर के छत से नीचे फेकने की प्रथा है और उन्हें नीचे वयस्कों द्वारा पकड़ा जाता हैl ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे दीर्घायु होते हैं और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता हैl
  • भारत में 2004 के बाद से हर चुनाव में एक अकेले मतदाता के लिए जंगल में एक मतदान केंद्र की स्थापना की जाती है।
  • भारत में, लंबी यात्रा के लिए जाने से पहले, लोग वाहनों के पहियों के नीचे नींबू डालते हैं। उनका मानना है कि यह उन्हें संकट से बचाएगा। वे ऐसे ही उद्देश्य के लिए वाहन के सामने नारियल और अगरबत्ती भी जलाते हैं।
  • भारत में अघोरी साधु (विशेष रूप के बनारस) अंत्येष्टि के बाद मनुष्य के बचे हुए अवशेष को खाते हैं और शवों के साथ संभोग करते हैं क्योंकि वे 'गंदे लोगों में शुद्धता' को खोजने के द्वारा दुनिया को त्यागने में विश्वास करते हैं।
  • भारत के कुछ गांवों में यह अवधारणा है कि पशुओं के विवाह से वर्षा के देवता खुश होते हैंl असम और महाराष्ट्र में मेंढक की शादी और कर्नाटक में गधों की शादी इसी का उदाहरण हैंl