20 वास्तु टिप्स : धन एवं सुख-शांति हेतु ऐसे बनाएं अपना आशियाना

20 वास्तु टिप्स : धन एवं सुख-शांति हेतु ऐसे बनाएं अपना आशियाना

क्या आपका घर भी गलत तरीके से बना है, तो करें वास्तुनुसार ये सुधार...
बढ़ती महंगाई व धन की कमी मकान बनाने वाले को सोचने पर मजबूर कर देती है। ऐसी हालत में यदि कोई मकान बनाता है तो बस यही सोचकर बनाता है कि हम अपने बनाए अशियाने में सुख से रह सकें। अशांति, अकस्मात दुर्घटना, बीमारी, मानसिक परेशानियों से बच सकें। धन-धान्य से पूर्ण घर में सुख-शांति रहे। आपसी तालमेल बना रहे आदि-आदि।
ऐसे में घर गलत तरीके से बन जाए तो जीना भी दूभर हो जाता है। कई बार वास्तुनुरूप घर होने पर भी सामान का अस्त-व्यस्त रखना, रंग-रोगन गलत होना, सोने का स्थान सही न होना आदि कई कारण होते हैं जिससे घर में बरकत नहीं रहती।

  • कोई भी जमीन कहीं भी हो तो चौकोर हो या आयताकार हो, गोल, तिकोनी, तिरछी, पूर्व से कटी, नैऋत्य में बड़ी या वायव्य में बड़ी हो तो अग्निकोण बड़ा हो, अगर ऐसी जमीन मुफ्त में भी मिले तो त्याज्य है।
  • ईशान यानी पूर्व-उत्तर दिशा वाला भाग बड़ा हो तो चलेगा।
  • जमीन का ढलान पूर्व-उत्तर में हो तो शुभ रहेगा।
  • दक्षिण-पश्चिम में ढलान नहीं होना चाहिए। मैंने कई ऐसे मकान देखे हैं, जो बड़े-बड़े वास्तुविदों ने बनाए, लेकिन उसमें रहने वाले तबाह हो गए हैं। थोड़े से लालच व अधिक से अधिक जगह घेरने की मंशा ही घर का वास्तु बिगाड़ देती है।
  • ईशान कोण में मुख्य दरवाजा ठीक नहीं रहता।
  • पढ़ाई का स्थान उत्तर-पूर्व में हो व पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह कर बैठना शुभ रहेगा।
  • आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के लिए उत्तर में सेफ होना चाहिए।
  • उत्तर दिशा में पानी रखना शुभ होता है।
  • आग्नेय में पानी या बोरिंग नहीं होना चाहिए।
  • कोई भी कमरा तिरछा नहीं होना चाहिए।
  • उत्तर-पूर्व में बगीचा शुभ रहेगा, वहीं दक्षिण-पश्चिम में शुभ नहीं रहता।
  • आग्नेय में देवालय व ईशान में रसोई बरबादी का कारण बनता है।
  • ईशान में शौचालय भी बरबादी का कारण बनता है, स्नानघर हो तो चल जाएगा।
  • किसी भी सूरत में सीढ़ियों के नीचे मंदिर नहीं होना चाहिए। अकसर जगह के उपयोग व कमी को देखते हुए ऐसे अधिकांश घरों में मंदिर बना लेते हैं, जो गलत है।
  • आग्नेय कोण में रसोईघर होना शुभ रहता है।
  • वायव्य में पानी का हौज होना शुभ नहीं।
  • इसी प्रकार के नैऋत्य में घड़ा होना भी शुभ नहीं रहता।
  • आग्नेय पश्चिम में शौचालय रखें।
  • बड़े-बुजुर्गों के सोने का स्थान नैऋत्य में होना चाहिए।
  • अविवाहितों को वायव्य में सुलाएं तो विवाह शीघ्र होगा।