ऐसा होना चाहिए ब्यूटी पार्लर, कहां लगाया जाए आइना

ऐसा होना चाहिए ब्यूटी पार्लर, कहां लगाया जाए आइना

ब्यूटीपार्लर का व्यापार आजकल काफी पॉपुलर है। अगर आप भी ये व्यापार करना चाहते है तो अगर सही जगह पर होते हुए आपका पार्लर नहीं चल रहा है तो इसके पीछे वास्तु दोष एक प्रमुख कारण हो सकता है।

ब्यूटीपार्लर का व्यापार आजकल काफी पॉपुलर है। अगर आप भी ये व्यापार करना चाहते है तो वास्तु ज्योतिष के अनुसार अगर सही जगह पर होते हुए आपका पार्लर नहीं चल रहा है तो इसके पीछे वास्तु दोष एक प्रमुख कारण हो सकता है। आइये जानते है कि एक कामयाब ब्यूटी पार्लर का वास्तु कैसा होता है।

    • ब्यूटी पार्लर का मुख्य द्वार पूर्वमुखी, उत्तरमुखी और ईशान कोण में होना अच्छा होता है। यद्यपि दक्षिणमुखी या पश्चिममुखी द्वार भी सही माना जाता है। मुख्य प्रवेश द्वार पर अंदर की ओर गणपति की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।
    • रिसेप्शन काउंटर इस प्रकार बनाये जाने चाहिए कि आपके रिसेप्सनिस्ट का मुख हमेशा ईशान, पूर्व या उत्तर में हो।
    • दर्पण को हमेशा उत्तर, पूर्व या उत्तर और पूर्व दोनों में लगाना चाहिए।
    • वाश बेशिन उत्तर, इशानकोण या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए । कैश काउन्टर इस प्रकार रखें की खोलने पर उसका मुख उत्तर तथा पूर्व दिशा में खुले।
    • कैश काउन्टर के आस पास मछली घर रखने से धन की वृद्धि होती है। ब्यूटीपार्लर की ओनर को इस प्रकार बैठना चाहिए कि उसका मुंह उत्तर या पूर्व की ओर रहे। नैऋत्य में नहीं बैठना चाहिए।
    • आग्नेय कोण(पूर्व-दक्षिण) में बिजली के स्विच व उपकरण लगाने चाहिए। स्टीम बाथ तथा पेंट्री को आग्नेय कोण में बनाएं। ब्यूटी पार्लर के आग्नेय कोण में हमेशा एक केंडल या लाल बल्ब जलाकर रखना चाहिए।

इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है तथा कारीगरों में कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है। थ्रेडिंग, वैक्सिंग, पेडीक्योर, मैनी क्योर, हेयर कटिंग, मेहंदी, कलरिंग, ट्रिमिंग आदि कार्य आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में करें।

    1. सभी सौंदर्य प्रसाधन को पश्चिम दिशा में रखें।
    2. शौचालय दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही बनाएं।
    3. ग्राहकों को सदैव वायव्य कोण(उत्तर-पश्चिम) में बैठाना चाहिए।
  • दीवारों व पर्दों का रंग हल्का गुलाबी, नारंगी, आसमानी और हल्का बैंगनी होना चाहिए। फिजीकल फिटनेस के लिए कोई मशीन, उपकरण आदि हो तो उन्हें नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में लगाएं। मालिक नैऋत्य कोण में इस प्रकार बैठे की बैठने पर उसका मुख उत्तर या पूर्व की ओर हो।
  • पार्लर का नाम किसी स्त्रीलिंग शब्द से रखना चाहिए। तौलिया का प्रयोग सफेद अथवा हल्का गुलाबी रंग का ही करना चाहिए।
  • कूड़े-कचड़े को नैऋत्य कोण में रखें।