जन्मतिथि फल

जन्मतिथि फल

शुक्लपक्ष एवं कृष्णपक्ष भेद से तिथियां साधारण रूप से 1 यानी प्रतिपदा से प्रारंभ होकर अमावस्या तक 30 तिथियां होती है परंतु ये सभी तिथियां पांच प्रकार से विभक्त है जिन्हें नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता तथा पूर्णा कहा जाता है। इनमें प्रतिपदा, एकादशी एवं षष्ठी को नंदा, द्वितीया, द्वादशी एवं सप्तमी को भद्रा, तृतीया, अष्टमी एवं त्रयोदशी को जया, चतुर्थी, नवमी एवं चतुर्दशी को रिक्ता एवं पंचमी, दशमी, पूर्णिमा एवं अमावस्या को पूर्णा तिथि कहा जाता है।

नंदा तिथियों में जन्म एवं फल- :
नंदा तिथि में जन्म लेने पर ईश्वर भक्त, पंडित, मानी एवं परिजनों के प्रिय होते है।

भद्रा तिथियों में जन्म एवं फल- :
भद्रा तिथि में जन्म लेने पर सरकारी मुलाजिम, धार्मिक चिन्ताओं में लिप्त, माननीय, मायावी संसार के मोह से भयग्रस्त, महा विज्ञ एवं राजा या सरकार द्वारा पूजित व्येक्ति होता है।

जया तिथियों में जन्म एवं फल- :
जया तिथि में जन्म लेने पर महा विज्ञ, पुत्र तथा परिवार से युक्त, वीर, शांत एवं राजा अथवा सरकार द्वारा पूजित होता है।

रिक्ता तिथियों में जन्म एवं फल- :
रिक्ता तिथि में जन्म लेने पर शत्रु का नाश करने वाला, गुरु निंदाकारी, धनहीन, एवं प्रमाद युक्त होता है।

पूर्णा तिथियों में जन्म एवं फल- :
पूर्णा तिथि में जन्म लेने पर सत्यवादी, वेदशास्त्रों का ज्ञाता, धनवान पवित्र एवं शुद्ध चित्त वाला होता है।

विभिन्न तिथि में जन्म एवं फल :
प्रतिपदाइस तिथि में जन्म लेने पर क्रूर, निन्दूक, निर्धन, आत्मद्वेषी, मिथ्यवादी एवं मनोहर केश युक्त होते है।

द्वितीया- इस तिथि में जन्म लेने पर दयावान, विक्रमशाली, शत्रुनाशकारी, दानशील, माननीय एवं प्रभुत्वकामी होते है।

तृतीयाइस तिथि में जन्म लेने पर धार्मिक, लोकप्रिय, मित्रजनों का हितैषी, स्वदेश प्रेमी एवं लोकप्रिय होते है।

चतुर्थी- इस तिथि में जन्म लेने पर मित्रवत्सल, भोगी, कुवेशधारी, दरिद्र, तोंद वृद्धि, अहंकारी एवं गर्वित होता है।

पंचमी- इस तिथि में जन्म लेने पर लोकहितकारी, माननीय, दानी, सुवेशधारी, परोपकारी, पराक्रमी एवं लक्ष्मीयुक्त होता है।

षष्ठी- इस तिथि में जन्म लेने पर लंबे बाहु वाला, कथावादी, राजसिक हाव-भाव युक्त, साहसी एवं बुरे स्वभाव वाला होता है।

सप्तमी- इस तिथि में जन्म लेने पर तेजस्वी, हर तरह से गुणी, देवार्चना में रत, धर्मात्मा एवं देव- ब्राम्हण के प्रति भक्तिपरायण होता है।

अष्टमी- इस तिथि में जन्म लेने पर धार्मिक, सत्यवादी, दाता, भोगी, कृश देहि, कृशांग रमणी प्रिय, धन-धान्य युक्त एवं दयावान होता है।

नवमी- इस तिथि में जन्म लेने पर व्येक्ति कठोर, यशस्वी, सर्वसुख से सम्पन्न, कामी एवं परस्त्री आसक्त होता है।

दशमी- इस तिथि में जन्म लेने पर बुद्धिमान, गुणवान, आत्म-तत्व का ज्ञाता, वित्तवान एवं मित्रजनों का हितकारी होता है।

एकादशी- इस तिथि में जन्म लेने पर सत्यवादी, धार्मिक, शुद्धाचारी, प्राज्ञ, सुशील, देवभक्ति परायण, प्रसन्नचित्त एवं भाग्यशाली होता है। कृष्ण पक्ष वाले विपरीत होते है।

द्वादशी- इस तिथि में जन्म लेने पर अतिथिप्रिय, प्रभुभक्त, पूज्य, लोकप्रिय परंतु अपव्ययी होता है।

त्रयोदशी- इस तिथि में जन्म लेने पर शिल्पकला कुशल, रूपवान, कामी, कोमलांग, धर्मज्ञ, जननी प्रिय, आलसी एवं दुर्बल देहधारी होता है।

चतुर्दशी- इस तिथि में जन्म लेने पर क्रोधी, क्रूरकर्मी, कठोर, मधुर वाक्यलाप युक्त परंतु प्रतारक, लम्पट, तस्कर एवं विरुद्ध प्रकृति का होता है।

पूर्णिमा- इस तिथि में जन्म लेने पर लक्ष्मीयुक्त, उत्साह से पूर्ण, भोजन प्रिय, भोगयुक्त, विनयी, युवती प्रिय एवं मिथ्यवादी होता है।

अमावस्या- इस तिथि में जन्म लेने पर त्यागी, क्रूर, विश्वासघाती, साहसी, पराक्रमी, तस्कर एवं कृतघ्न होता है।