हनुमान जी के इस मंत्र के जप से दूर होगा बुरे से बुरा समय

हनुमान जी के इस मंत्र के जप से दूर होगा बुरे से बुरा समय

श्री राम के परम भक्त हनुमानजी को संकटमोचन के नाम से भक्त पुकारते है | कलियुग में चिरंजीवी हनुमान जी हमारी धरती पर ही रहते है और अपने भक्तो की पुकार पर उनके संकट दूर करते है | धार्मिक शास्त्रों में इन्हे प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र , स्तुति और भजन बताये गये है | इनसे किसी कार्य की सम्पन्नता के लिए विशेष मंत्र और जप नियम है |

आज हम जिस हनुमान मंत्र के बारे में आपको बता रहे है वो बुरे से बुरे समय को दूर करने में सक्षम है | साथ ही जानेंगे की कैसे करना है इस मंत्र का जप :-
मंत्र

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।

मंत्र का अर्थ
हे मनोहर, वायु के वेग से चलने वाले, जिन्होंने इन्द्रियों को वश में कर रखा है , बुद्धिजीवियो में सर्वश्रेष्ठ, पवन-नंदन वानारग्रगण्य , श्री राम के दूत मुझे अपनी शरण में ले |
कैसे करना है इस मंत्र का जप
1. रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर एक लाल कपड़े पर हनुमान की मूर्ति या फोटो स्थापित करें।
2. हनुमानजी को चमेली का तेल , गुलाल की माला और जनेऊ पहनाये और भोग प्रसादी अर्पित करें। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं तो जाप के अंत तक जलता रहे।
3. इसके बाद मंत्र का जाप करना शुरू करें। कम से 5 माला जाप जरूर करें।
4. अगर हर दिन यह जप करना संभव ना हो तो मंगलवार या शनिवार को कम से कम ५ माला इस मंत्र की जरुर फेरे।