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जानिए कितने रुद्राक्ष से बनी माला
कौन-से अंग पर पहननी चाहिएं

रुद्राक्ष भगवान शिव का एक अभिन्न अंग माना जाता है। शिवपुराण और श्रीमद्देवीभागवत में रुद्राक्ष की माला धारण करने के कई नियम बताए गए है। इन ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि कितने रुद्राक्ष से बनी माला कौन-से अंग पर पहननी चाहिए ताकी भक्त की हर मनोकामना पूरी हो सकें।
1. श्रीमद देवीभागवत के अनुसार अलग-अलग संख्या के रुद्राक्ष के दानो की माला शरीर के विभिन्न अंगों पर धारण की जाती है। 50 दानों की माला को हृदय पर और 20 दानों की माला को सिर पर धारण करना चाहिए।
2. श्रीमद देवीभागवत के अनुसार रुद्राक्ष के 16 दानों की माला को भुजाओं पर, 12 दानों को मणिबंध (कलाई) 108 दानों की माला को गले में धारण करने का महत्व होता हैं।
3. श्रीमद देवीभागवत के अनुसार रुद्राक्ष की 108 माला धारण करने से हर पल अशवमेध यज्ञ का फल मिलता है। सामान्य माला की जगह 108 दानों वाली रुद्राक्ष की माला का जप करने से 10 गुणा पुण्य मिलता है।
4. शिवपुराण के अनुसार संसार में रुद्राक्ष के सामान फल और लाभ देने वाली कोई और माला नहीं है। इसलिए मनोकामन पूर्ति के लिए इसे धारण करना चाहिए, इसकी पूजा करनी चाहिए और इससे जप करना चाहिए।
5. श्रीमद देवीभागवत के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से श्रेष्ठ संसार में कोई वस्तु नहीं है। जो इंसान रुद्राक्ष को शरीर पर धारण करके उसकी पवित्रता का ध्यान रखता है, उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी होती है।