राहू काल क्या है इस दौरान क्या न करें |
हर दिन डेढ़ घंटे का अशुभ समय होता है। जो कि वार और तिथि के अनुसार हर दिन अलग-अलग समय में होता है। ये अशुभ समय कभी सुबह कभी दोपहर तो कभी शाम को आता है लेकिन सूर्यास्त के पहले ही ये अशुभ समय पड़ता है। इसे राहुकाल कहा जाता है। इस काल में नौकरी, बिजनेस या अन्य मामलों से जुड़े महत्वपूर्ण काम नहीं करने चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहुकाल में जरूरी कागजी काम, लेन-देन, निवेश, या नए काम शुरू करने से धन हानि होती है और कामकाज में रुकावटें आती हैं। |
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क्या है राहुकाल सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय में से आठवें भाग का स्वामी राहु होता है। इसे ही राहुकाल कहते हैं। यह प्रत्येक दिन 90 मिनट का एक निश्चित समय होता है, जो राहुकाल कहलाता है। राहुकाल दिनमान के आठवें भाग का नाम हैं। राहुकाल का समय किसी स्थान के सूर्योदय व वार पर निर्भर करता हैं। सरलता के लिये सूर्योदय को यदि 6 बजे का माना जाये तो प्रत्येक वार के लिये राहुकाल इस तरह होगा - रविवार को शाम 4.30 से 6.00 बजे तक राहुकाल होता है। - सोमवार को दिन का दूसरा भाग यानी सुबह 7.30 से 9 बजे तक राहुकाल होता है। - मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक राहुकाल होता है। - बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक राहुकाल माना गया है। - गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक का समय यानी दिन का छठा भाग राहुकाल होता है। - शुक्रवार को दिन का चौथा भाग राहुकाल होता है यानी सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक का समय राहुकाल है। - शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक के समय को राहुकाल माना गया है। कुछ विद्वानों के अनुसार राहुकाल का विचार दिन में ही किया जाना चाहिए क्योंकि सूर्यास्त के बाद विवाह के अलावा अन्य कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। राहुकाल का असर रविवार, मंगलवार तथा शनिवार को ज्यादा होता है। बाकी दिनों में राहुकाल का प्रभाव विशेष नही होता। राहुकाल में क्या न करें - - इस समय में पूजा-पाठ और याज्ञादी नहीं करना चाहिए। - नए बिजनेस की शुरुआत भी इस समय नहीं करनी चाहिए। - किसी महत्वपूर्ण काम के लिए यात्रा करनी हो तो इस समय में यात्रा शुरू न करें। - इस समय में खरीदी-बिक्री करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे भी नुकसान हो सकता है। - राहुकाल में विवाह, सगाई, धार्मिक कार्य या गृह प्रवेश जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। - इस समय में शुरु किया गया कोई भी शुभ काम बिना रुकावटों के पूरा नहीं होता। इसलिए इस समय में कोई भी खास काम शुरू करने से बचना चाहिए। - राहुकाल के में यात्रा, किसी चीज की खरीदी-बिक्री, लिखा पढ़ी व बहीखातों का काम नहीं करना चाहिए। - इस अशुभ समय में वाहन, मकान, मोबाइल, कम्प्यूटर, टेलीविजन, आभूषण या अन्य कोई भी कीमती चीज नहीं खरीदनी चाहिए। उपाय यदि राहुकाल के समय यात्रा या दूसरा यदि कोई शुभकार्य करना हो तो तुलसी पत्र पानी पीकर निगल लें, शिवजी को चढ़ा हुआ जल पी लें या पंचामृत पीकर उस काम को शुरू करें। इसके अलावा गोमूत्र पीना सबसे शुभ और कारगर उपाय है। |