जाने किस दिशा में रखे दिवाली के दीपक की लौ |
दिवाली में दीपक का विशेष महत्व होता है। दिवाली के दिन दीप प्रज्जवलित ना किए जाएं, ऐसा संभव नहीं है। रोशनी के त्योहार दिवाली से पहले ही घरों में दिए जलाकर रखे जाते हैं। इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस अर्थात कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि होती है और अमावस्या तक यह त्योहार मनाया जाता है। त्रयोदशी, चतुर्थी और अमावस्या, इन तीन दिनों तक शाम के समय दीप जलाना शुभ माना जाता है। दिवाली वाले दिन तो पूरे घर में ही मिट्टी के कच्चे दिए रखने की परंपरा है। हालांकि, आज कई घरों में बिजली की झालरों को सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फिर भी कम से कम 11 दिए तो जलाए ही जाते हैं। |
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आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दीपक की लौ किस दिशा में रखनी चाहिए और उससे क्या लाभ मिलेगा। इसके साथ ही दीपक को जलाने से पहले कौन का मंत्र पढ़ना चाहिए। पूर्व दिशा - दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है। पश्चिम दिशा - दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है। उत्तर दिशा - दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है। दक्षिण दिशा- दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है। |