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कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो
तो इन बातों का रखें ध्यान

ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। चंद्रमा के मजबूत होने पर व्यक्ति जहां मानसिक रूप से मजबूत होता है, वहीं इसके कमजोर होने पर मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह तरह की शंका और सर्दी बनी रहती है। व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी आते हैं।



चंद्रमा को मां का कारक भी माना जाता है, इसलिए चंद्रमा के अशुभ होने पर माता को किसी भी प्रकार का कष्ट या स्वास्थ्य को खतरा होता है। दूध देने वाले पशु की मृत्यु हो जाती है। स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है या नलकूप, कुएं आदि सूख जाते हैं।
चंद्रमा और सूर्य दोनों राजयोग के कारक होते हैं। इनकी स्थिति शुभ होने से अच्छे पद की प्राप्ति होती है। चंद्रमा जब किसी को धनी बनाने पर आता है, तो व्यक्ति की तरक्की का कोई जोड़ नहीं होता है।
आप पश्चिम दिशा में झाडू, पोछा या कोई भी गंदगी चीज न रखें। साथ ही घर के उत्तर-पश्चिमी कोने में गुलाबी रंग का बल्ब लगाएं और दिन ढलते ही इसे जला देना चाहिए।
किसी योग्य ज्योतिषी को दिखाकर मोती या मून स्टोन पहन सकते हैं। यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
चंद्रमा सांस की नाड़ी और शरीर में खून का कारक है। चन्द्र की अशुभ स्थिति से व्यक्ति को दमा भी हो सकता है।
वट वृक्ष की जड़ में पानी डालें और शरीर पर चांदी धारण करें। मकान की नीव में चांदी दबाएं।
व्यक्ति को देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए। रात्रि के समय घूमने-फिरने तथा यात्रा से बचना चाहिए।
पूर्णिमा के दिन शिव जी को खीर का भोग लगाएं।
चन्द्रमा कमजोर अथवा पीड़ित होने पर व्यक्ति को रात में दूध नहीं पीना चाहिए।