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सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के हैं विशेष तरीके, जानिए यहां

स्नान करने के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित किया जाता है। इसके बाद सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान, जप, होम मंत्र धारण व सूर्य की वस्तुओं से जल स्नान करना भी सूर्य के उपायों में आता है। सूर्य की शांति करने के लिए इन पांच विधियों में से किसी भी एक विधि का प्रयोग किया जाता है। गोचर में सूर्य के अनिष्ट प्रभाव को दूर करने में ये उपाय विशेष रूप से उपयोगी हो सकते हैं।



जब गोचर में सूर्य अनिष्टकारक हों तो व्यक्ति को स्नान करते समय जल में खसखस या लाल फूल या केसर डालकर स्नान करना शुभ रहता है। खसखस, लाल फूल या केसर ये सभी वस्तुएं सूर्य की कारक वस्तुएं हैं तथा सूर्य के उपाय करने पर अन्य अनिष्टों से बचाव करने के साथ-साथ व्यक्ति में रोगों से लड़ने की शक्ति का विकास होता है।
सूर्य के उपाय करने पर उसके पिता के स्वास्‍थ्य में सुधार की संभावनाओं को सहयोग प्राप्त होता है। सूर्य की वस्तुओं से स्नान करने पर सूर्य की वस्तुओं के गुण व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं तथा उसके शरीर में सूर्य के गुणों में वृद्धि करते हैं।
सूर्य की वस्तुओं से स्नान करने के अतिरिक्त सूर्य की वस्तुओं का दान करने से भी सूर्य के अनिष्ट से बचा जा सकता है। सूर्य की दान देने वाली वस्तुओं में तांबा, गुड़, गेहूं, मसूर दाल दान की जा सकती है। यह दान प्रत्येक रविवार या सूर्य संक्रांति के दिन किया जा सकता है। सूर्य ग्रहण के दिन भी सूर्य की वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहता है।
इस उपाय के अंतर्गत सभी वस्तुओं का एकसाथ भी दान किया जा सकता है। दान करते समय वस्तुओं का वजन अपने सामर्थ्य के अनुसार लिया जा सकता है। दान की जाने वाली वस्तुओं को व्यक्ति अपने संचित धन से दान करे तो अच्‍छा रहता है। जिसके लिए दान किया जा रहा है उसकी आयु कम होने या अन्य किसी कारण से अगर वह स्वयं वस्तु नहीं ले सकता है, तो उसके परिवार को कोई निकट व्यक्ति भी उसकी ओर से यह दान कर सकता है। दान करते समय व्यक्ति में सूर्य भगवान पर पूरी श्रद्धा व विश्वास होना चाहिए। आस्था में कमी होने पर किसी भी उपाय के पूर्ण शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं।