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किन राशि वालों के पास होता है ज्यादा धन

किन राशि वालों के पास ज्यादा धन होता है और कौनसी राशि वाले लोग जिंदगीभर संघर्ष ही करते रहे हैं? आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी।



1. वैसे ज्योतिष स्पष्ट रूप से यह नहीं कहता है कि किन राशि वालों के पास ज्यादा धन रहता है और किन के पास कम और कौन संघर्षमय जीवन यापन करता है। क्योंकि प्रत्येक राशि के लोग अमीर है और गरीब ही। अमीरी या गरीबी पर किसी भी राशि का अधिकार नहीं। यह तो कुंडली की दशा और उसके कर्म ही तय करते हैं कि वह अमीर बनेगा या गरीब।
2. लेकिन फिर भी कहा जाता है कि धन कमाने या धन प्राप्त करने की प्रबल इच्छा मुख्‍यत: चार राशियों के लोगों में होती है। जैसे शुक्र की राशि वृषभ, मंगल की राशि वृश्चिक, चंद्र की राशि कर्क और सूर्य की राशि सिंह में भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त करने की प्रबल आकांक्षा रहती हैं।
3.कुंडली के अनुसार धन का संबंध दूसरे और आठवें घर से होता है जिस पर वृष और वृश्चिक का राज होता है। लेकिन ग्यारहवां भाव आय, बारहवां भाव व्यय का और नौवां भाव भाग्य का होता है। इसे देखकर भी तय किया जाता है कि जातक के पास धन की आवक कितनी है।
कुछ स्थितियों अनुसार अब जानिए कुंडली से धन के योग है या नहीं
1.यदि सातवें भाव में मंगल या शनि बैठे हों और ग्यारहवें भाव में शनि या मंगल या राहु बैठा हो तो व्यक्ति खेल, जुआ, दलाली या वकालात आदि के द्वारा धन पाता है।
2.कुंडली के त्रिकोण घरों या केन्द्र में यदि गुरु, शुक्र, चंद्र और बुध बैठे हो या फिर 3, 6 और ग्यारहवें भाव में सूर्य, राहु, शनि, मंगल आदि ग्रह बैठे हो तब व्यक्ति राहु या शनि या शुक्र या बुध की दशा में असीम धन प्राप्त करता है।
3.गुरु जब कर्क, धनु या मीन राशि का और पांचवें भाव का स्वामी दसवें भाव में हो तो व्यक्ति पुत्र और पुत्रियों के द्वारा अपार धन लाभ पाता है।
4.गुरु जब दसवें या ग्यारहवें भाव में और सूर्य और मंगल चौथे और पांचवें भाव में हो या ग्रह इसकी विपरीत स्थिति में हो तो व्यक्ति प्रशासनिक क्षमताओं के द्वारा धन अर्जित करता है।
5. बुध, शुक्र और शनि जिस भाव में एक साथ हो वह व्यक्ति को व्यापार में बहुत उन्नति कर धनवान बना देता है।
6.दसवें भाव का स्वामी वृषभ राशि या तुला राशि में और शुक्र या सातवें भाव का स्वामी दसवें भाव में हो तो व्यक्ति विवाह के द्वारा और पत्नी की कमाई से बहुत धन पाता है।
7.शनि जब तुला, मकर या कुंभ राशि में होता है, तब अकाउंटेंट बनकर धन अर्जित करता है।
9.बुध, शुक्र और गुरु किसी भी ग्रह में एक साथ हो तब व्यक्ति धार्मिक कार्यों द्वारा धनवान होता है। जिनमें पुरोहित, पंडित, ज्योतिष, कथाकार और धर्म संस्था का प्रमुख बनकर धनवान हो जाता है।
10.मंगल चौथे, सूर्य पांचवें और गुरु ग्यारहवें या पांचवें भाव में होने पर व्यक्ति को पैतृक संपत्ति से, कृषि या भवन से आय प्राप्त होती है, जो निरंतर बढ़ती जाती है। इसे करोड़पति योग कहते हैं।
12.यदि सातवें भाव में मंगल या शनि बैठे हो और ग्यारहवें भाव में केतु को छोड़कर अन्य कोई ग्रह बैठा हो, तब व्यक्ति व्यापार-व्यवसाय के द्वारा अतुलनीय धन प्राप्त करता है। यदि केतु ग्यारहवें भाव में बैठा हो तब व्यक्ति विदेशी व्यापार से धन प्राप्त करता है।
13.शुक्र का जन्म कुंडली में उच्च होना या बली होना शुक्र योग बनाता हैं, इसके अतिरिक्त शुक्र की बारहवीं स्थिति भी इस योग का निर्माण करती हैं। किसी भी जन्म कुंडली में शुक्र की मजबूत स्थिति धनवान बनाने वाली होती है।
14.पंचम में शनि बैठे हो (स्वक्षैत्री) और लाभ भवन में सूर्य-चंद्र एक साथ हो तो भी जातक निश्चित धनवान होता है।
15. पंचम भाव शुक्र क्षेत्र (वृषभ-तुला) हो और उसमें 'शुक्र' स्थित हो तथा लग्न में मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति धनवान होता है।