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3 दिव्य मंत्र, बढ़ाते हैं
दांपत्य जीवन में प्यार

वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के सरल उपाय... शादी के बाद कई बार यह देखने में आता है, कि शुरूआती कुछ समय तक तो पति-पत्नी में प्रेम बना रहता है, लेकिन कुछ समय बाद ही उनके बीच आपसी झगड़े बढ़ने लगते हैं। ऐसे में घर में अक्सर कलह की स्थितियां बनती हैं, और वैवाहिक जीवन लगभग खराब हो जाता है।> > यदि आपके घर में या जीवन में इस तरह की स्थितियां बनती हैं, तो नीचे दिए गए मंत्र का प्रयोग कर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। उपायों को आजमाएं, और अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाएं -
ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति की वैवाहिक जिंदगी ग्रहों से प्रभावित होती है. अगर ग्रह ठीक ना हों तो शादी होने में समस्याएं आती हैं. और अगर शादी हो भी गई तो रिश्ते में समस्याएं आती रहती हैं. आइए जानते हैं वे कौन से ग्रह हैं जो आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं और क्या है बचने के उपाय.

1 पति-पत्नी में अत्यंत कलह की स्थिति में यह उपाय करें -
  • सूर्योदय से उठकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद किसी भी शिव मंदिर में जाएं
  • और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए पूरी श्रद्धा के साथ नीच दिए गए मंत्र का जाप करें।

मंत्र है -

ओम् नम: संभवाय च मयो भवाय च नम:
शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च।।

2 यदि पति-पत्नी के बीच अक्सर आपसी मतभेद की स्थितियां बनती हों, तो-
  • सुबह उठकर स्नान के बाद किसी एकांत जगह आसन बिछा लें,
  • अब उस आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं,
  • सामने मां पार्वती की तस्वीर या प्रतिमा रखें,
  • श्रद्धा के साथ 21 बार नीचे लिखे मंत्र का जाप करें -

अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।


3 वैवाहिक सुख की प्राप्ति और अनबन के निवारण के लिए -
  • सुबह सूर्यादय के पूर्व उठकर स्नान करें,
  • मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं,
  • अगरबत्ती व फूल चढ़ाएं,
  • इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें।

धां धीं धूं धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरू।।

पंडितों के अनुसार इस मंत्र द्वारा अतिशीघ्र परिणाम प्राप्त होते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
सभी मंत्रों का प्रयोग नियम अनुसार, विधि-विधान के साथ मन में पूरी श्रद्धा रखकर करें एवं मंत्रों का गलत उच्चारण नहीं करें।इसके अलावा आप गौरीशंकर रूद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।