पूजा पाठ में बचे ऐसी छोटी मोटी गलतियों से पूण्य की जगह मिलता है दोष |
कई बार हम रोजाना पूजा-पाठ करते हैं लेकिन हमें इसका सही फल और पूण्य प्राप्त नही होता। हो सकता है इसके पीछे पूजा पाठ में की गयी गलतियां हो जो हम भूल और अनजाने में कर देते है | धार्मिक शास्त्रों में पूजन से जुड़े कुछ नियम बताये गये है जिनका हमें जरुर पालन करना चाहिए । |
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-पूजा को कभी बोझ ना समझे , ईश्वर के दिए गये जीवन में हमें मन लगाकर कुछ समय इसमे लगाना चाहिए। -हिन्दू धर्म में पूजा में सबसे पहले गणेश को स्मरण करे , फिर अपने गुरु देव का फिर पितृ देव का और बाद में अपने इष्ट देवी देवता की पूजा शुरू करे । - गलत कर्मो से प्राप्त पैसो को कभी पूजा में काम नही लेना चाहिए । -शिवजी और गणेश जी की पूजा में शंख और तुलसी काम में ना ले , और भगवान विष्णु और कृष्ण के भोग बिना तुलसी के ना लगाये। -नीले या काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए। नीले या काले रंग के कपड़े आप शनि देव , भैरव और माँ काली की पूजा में पहन सकते है | -शव को स्पर्श करके बिना स्नान किए पूजा नहीं करनी चाहिए। -पूजा पूर्व दिशा में मुख करके करना अति उत्तम माना जाता है। -पूजा में काम में लिए पुष्प और माला को कचरे में ना फैंके , इसे नदी या तालाब में प्रवाहित करे या फिर किसी वृक्ष की जड़ो में डाल दे । -संभोग या रति क्रिया के बाद यदि पूजा पाठ करनी हो तो पहले जरुर नहा ले । -गुस्से और तनाव में भगवान की पूजा या मंत्र जप नही करना चाहिए । -भगवान की पूजा में हमेशा अक्षत जरुर काम में ले । अक्षत (चावल ) के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है । -घंटी , दीपक , शंख आदि की आवाज किए बिना पूजा को भगवान स्वीकार नहीं करते हैं। पर शिव पूजा में शंख काम में ना ले । -यदि आपने कुछ खा रखा है तो कुल्ला करके ही पूजा में शामिल हो । -खंडित मूर्ति की पूजा नही करनी चाहिए , पर खंडित शिवलिंग की पूजा की जा सकती है । |