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विवाह में क्या बेहद
जरूरी है गुण मिलना

विवाह योग्य वर हो या कन्या। जब उनके घर कोई अच्छा रिश्ता आता है, तो घर के वरिष्ठ परिजन उनकी कुंडली मिलवाते हैं। यह कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी द्वारा देखी जाती है। वह तय करते हैं कि वर के गुण कन्या से मिल रहे हैं या नहीं।



अमूमन यह प्रश्न लोगों के जहन में जरूर उठता होगा कि, क्या विवाह के पहले कुंडली मिलान करना जरूरी है? इस प्रश्न का सटीक उत्तर है काफी हद तक 'हां'। ज्योतिष के अनुसार गुण 36 होते हैं। जिनमें से वर या वधु के कम से कम 16 गुण मिलना बेहद जरूरी होता है।
इससे सिर्फ यह तय होता है कि विवाह के बाद दंपत्ति में कितनी निभेगी। जब कि यह तय नहीं किया जा सकता कि उनका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा! दरअसल, विवाह के लिए वर-कन्या की जन्म-कुंडली मिलान नक्षत्र मेलापक के अष्टकूटों (जिन्हे गुण मिलान भी कहा जाता है) में नाडी को सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है।
नाड़ी, व्यक्ति के मन एवं मानसिक ऊर्जा की सूचक होती है। व्यक्ति के निजी सम्बंध उसके मन एवं उसकी भावना से नियंत्रित होते हैं।
क्यों तैयार की जाती है जन्मकुंडली
जब जातक का जन्म होता है तो ग्रह स्थिति आसमान में होती है, उस स्थिति की गणना कर एक कागज पर उकेरी जाती है। यही जन्मकुंडली या जन्मपत्रिका कहलाती है।