दान का महत्त्व |
दान का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है जिसे धर्म का एक अभिन्न अंग माना गया है| हिन्दू धर्म में कई महादानी हुए है जिनके नाम आज तक अमर है| इनमे दैत्यराज बलि , सूर्य पुत्र कर्ण, राजा हरिश्चंद्र, महर्षि दधीचि, बर्बरीक जी आदि है जिन्होंने अपने परिवार, शरीर तक का दान कर दिया| दान बिना लोभ लालच के देना चाहिए साथ ही घमंड से नही विन्रमता से दिया गया दान की फलीभूत होता है|
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"शिव पुराण में बताया गया है किस दान का क्या फल " भगवान शिव शंकर की महिमा का विस्तृत ज्ञान कराने वाला पुराण शिव महापुराण है | इसमे भगवान शिव जी से जुड़ी जानकारी के अलावा दैनिक जीवन में काम में लेने वाले चमत्कारी उपाय भी बताये गये है जो संकटों को दूर करने वाले है | इसमें से कुछ उपाय दान से भी जुड़े हुए है जो बताते है की किस दान से कौनसा फल प्राप्त होता है | "शिव महापुराण " नमक : शिवपुराण में बताया गया है की यदि कोई व्यक्ति नमक का दान करे तो उसका दुर्भाग्य दूर होता है | तिल : तिल का यदि दान किया जाये तो आत्मविश्वास बढ़ता है और कठिन समय में आत्म बल प्राप्त होता है । घी : घी का दान करने से मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है और बीमारियाँ दूर होती है । वस्त्र/कपड़े : इस महापुराण के अनुसार यदि कोई नए वस्त्रो का दान करता है तो उसकी उम्र बढती है और शरीर का रोग से बचाव होता है | अन्न/अनाज : अन्न दान करने से उसके घर में देवी अन्नपूर्ण हमेशा अपना आशीष बनाये रखती है | गुड़ : गुड़ का दान व्यक्ति को स्वादिष्ट और पोष्टिक भोजन की प्राप्ति करवाता है | |