कुंडली में ग्रह कमजोर होने पर मिलते हैं ये संकेत |
जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही हमें शुभ-अशुभ परिणाम मिलते हैं। यदि कुंडली में ग्रह बलवान हों, मजबूत स्थिति में बैठे हों अथवा शुभ ग्रहों से दृष्ट हों तो ऐसे में जातकों को अच्छे फल प्राप्त होते हैं। जबकि इसके विपरीत यदि अशुभ अवस्था में हों, किसी शत्रु ग्रह से पीड़ित हों तो जातकों को उसके बुरे फल भी प्राप्त होते हैं।
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कुंडली में ग्रह कमजोर होते हैं तो हमें उसके किसी न किसी रूप में संकेत मिलने लगते हैं। ऐसे में हमें उन संकेतों को समझकर उस ग्रह से संबंधित उपाय करने चाहिए। आइए जानते हैं कुंडली में जब ग्रह कमजोर होते हैं तो क्या संकेत मिलते हैं, किस तरह से ये हमारी आदतों को प्रभावित करते हैं। अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह कमजोर है तो आप में अचानक से सिर खुजलाने की आदत होने लगती है। इसके अलावा इस ग्रह के कमजोर होने से कुछ लोगों को सिर में खुजली की समस्या होने लगती है। इसके लिए केतु ग्रह की शांति के लिए उपाय करने चाहिए। उपाय के तहत किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह से नौ मुखी रुद्राक्ष, अश्वगंधा की जड़ी या फिर लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए। शनि और बुध ग्रह के अशुभ योग के कारण व्यक्ति को अचानक से बार-बार खाने की आदत पड़ जाती है। ऐसा होने पर आपको पहले तो अपनी आदत को छोड़ना चाहिए। उसके बाद बुध और शनि ग्रह की शांति के लिए उपाय करने के चाहिए। बुध ग्रह के लिए आप बुधवार के दिन हरे वस्त्र धारण करें। वहीं शनिवार के दिन काला वस्त्र पहनें। चंद्रमा के पीड़ित होने पर व्यक्ति दो लोगों के बीच कोई बात चल रही होती है तो उन्हें हस्तक्षेप करते हुए अपनी बातें कहने लगता है। ये बुरी होती है, जिसे तुरंत दूर करना चाहिए। चंद्रमा की शांति के लिए सोमवार को शिवजी की आराधना करें। शुक्र ग्रह के अशुभ होने के कारण व्यक्ति की यादाश्त क्षमता कमजोर हो जाती है। वह बार-बार चीज़ों को भूलने लग जाता है। शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्रवार के दिन गुलाबी रंगों का प्रयोग करें। अरंड मूल या छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें। हीरा रत्न को धारण करने से भी कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। |