किन राशि वालों के पास होता है ज्यादा धन - 2 |
किन राशि वालों के पास ज्यादा धन होता है और कौनसी राशि वाले लोग जिंदगीभर संघर्ष ही करते रहे हैं? आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी।
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1. वैसे ज्योतिष स्पष्ट रूप से यह नहीं कहता है कि किन राशि वालों के पास ज्यादा धन रहता है और किन के पास कम और कौन संघर्षमय जीवन यापन करता है। क्योंकि प्रत्येक राशि के लोग अमीर है और गरीब ही। अमीरी या गरीबी पर किसी भी राशि का अधिकार नहीं। यह तो कुंडली की दशा और उसके कर्म ही तय करते हैं कि वह अमीर बनेगा या गरीब। 2. लेकिन फिर भी कहा जाता है कि धन कमाने या धन प्राप्त करने की प्रबल इच्छा मुख्यत: चार राशियों के लोगों में होती है। जैसे शुक्र की राशि वृषभ, मंगल की राशि वृश्चिक, चंद्र की राशि कर्क और सूर्य की राशि सिंह में भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त करने की प्रबल आकांक्षा रहती हैं। 3.कुंडली के अनुसार धन का संबंध दूसरे और आठवें घर से होता है जिस पर वृष और वृश्चिक का राज होता है। लेकिन ग्यारहवां भाव आय, बारहवां भाव व्यय का और नौवां भाव भाग्य का होता है। इसे देखकर भी तय किया जाता है कि जातक के पास धन की आवक कितनी है। कुछ स्थितियों अनुसार अब जानिए कुंडली से धन के योग है या नहीं 16.चंद्र-क्षेत्रीय पंचम में चंद्रमा हो और उत्तम भाव में शनि हो तो जातक धनवान होता है। 17.पंचम भाव में धन या मीन का गुरु स्थित हो और लाभ स्थान बुध-युक्त हो तो जातक धनी होता है। 18. पांचवें घर में सिंह के सूर्य हो और लाभ स्थान में शनि, चंद्र-शुक्र से युक्त हो तो जातक धनी होता है। 19.कर्क लग्न में चंद्रमा हो और बुध, गुरु का योग या दृष्टि पंचम स्थान पर हो तो जातक धनी होता है। 20.पंचम भाव में मेष या वृश्चिक का मंगल हो और लाभ स्थान में शुक्र स्थित हो तो जातक निश्चित धनी होता है। 21.विषम लग्न में शनि केन्द्रगत हो तथा गुरु व शुक्र एक दूसरे से केंद्र भाव में हो तो यह कोटीपति योग बनता हैं। 22.गुरु व चंद्र की केंद्रगत स्थिति के द्वारा गजकेसरी योग का निर्माण होता हैं। इस योग में चंद्र पर गुरु का शुभ प्रभाव होता हैं। यह योग हर प्रकार के धन देने में सक्षम हैं। चाहे वह भौतिक वस्तु हो या अध्यात्मिक शक्ति। 23.किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह शुक्र ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो तो ऐसे जातक को स्त्री पक्ष से धन की प्राप्ति होती है। 25.किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह बृहस्पति ग्रह के साथ युति में हो तो ऐसे जातक को धन मिलता है। 26.यदि अष्टम भाव का मालिक उच्च का हो तथा धनेश व लाभेश के प्रभाव में हों तो व्यक्ति को निश्चित रूप में अचानक धन लाभ होता हैं। 27.चंद्र एवम मंगल के एक साथ स्थित होने से चंद्र मंगल योग बनता हैं, जो धन का कारक है। 28.जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य योग बनता है। यह भी सुख और धन देने वाला योग है। 29.मंगल का रूचक योग, बुध का भद्र योग, गुरु का हंस योग, और शनि के शश योग में भी व्यक्ति धनवान बनता है। |