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इन तीन कारणों से मंदिर में बजाते हैं घंटी

माना जाता है कि पूजा करने वक्त घंटी जरूर बजानी चाहिए। इतना ही नहीं जब किसी मंदिर में देवी/देवता के दर्शन करने जाते हैं तो वहां मंदिर की घंटी जरूरी बचानी चाहिए। लेकिन क्या हम जानते हैं कि घंटी क्यों बजानी चाहिए? इसके पीछे क्या कारण हैं और इसका क्या महत्व है? आज हम आपको इसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं।

मान्यता है कि जब हम किसी मंदिर में प्रवेश करते हैं तो मंदिर में मौजूद देवता की अनुमति लेने या उसका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए घंटी बजाई जाती है।
यह भी कहा जाता है कि कई बार मंदिर के देवता सुप्तावस्था में होते हैं ऐसे में घंटी बजाकर पहले उन्हें जगाना चाहिए फिर पूजा करनी चाहिए।
देवताओं की प्रसन्नता के लिए भी घंटी बजाई जाती है। कहा जाता है कि तेवताओं को घंटा, शंख और घड़ियाल आदि की आवाज काफी पसंद होती है। घंटी की आवाज से देवता प्रसन्न होकर देवता भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। यही कारण है कि मंदिर में घंटी बजाई जाती है। इसीलिए मंदिर में प्रवेश करते समय घंटानाद अवश्य करें, और थोड़ा समय घंटे के नीचे खडे़ रह कर घंटानाद का आनंद अवश्य लें। आप चिंतामुक्त होकर तेजस्वी बनेंगे। घंटी की आवाज आपके जीवन में शांति व प्रसन्नता भरने की शक्ति रखती है।