देवताओं की मंत्र उपासना से मिलती है सिद्धि और समृद्धि |
देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए और मनोकामना की पूर्ति के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जिसमें पूजा-पाठ से लेकर मंत्रोच्चार तक शामिल है। हर देवता को प्रसन्न करने के लिए एक मंत्र होता है और उस मंत्र के जाप से इष्ट के सिद्ध किया जा सकता है। हर देवता का अलग मंत्र होता है और उस मंत्र के जाप से संबंधित देवता प्रसन्न होते हैं। इष्टसिद्धि मे मां गायत्री का ध्यान बहुत शुभ होता है। गायत्री उपासना के लिए गायत्री मंत्र बहुत ही चमत्कारी और शक्तिशाली माना गया है।
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24 मंत्र 24 देव शास्त्रों के मुताबिक इस मंत्र के 24 अक्षर 24 महाशक्तियों के प्रतीक हैं। एक गायत्री के महामंत्र द्वारा इन देवशक्तियों का स्मरण हो जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि 24 देव शक्तियों के ऐसे 24 चमत्कारी गायत्री मंत्र मे से, जो देवी-देवता आपके इष्ट है, उनका विशेष देव गायत्री मंत्र बोलने से चमत्कारी फल प्राप्त होता। शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक व भौतिक शक्तियों की प्राप्ति के लिए गायत्री उपासना सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। गायत्री ही वह शक्ति है जो पूरी सृष्टि की रचना, स्थिति या पालन और संहार का कारण है। वेदों में गायत्री शक्ति ही प्राण, आयु, तेज, कीर्ति और धन देने वाली मानी गई है। यही कारण है कि गायत्री मंत्र को महामन्त्र कहा जाता है, जो शरीर की कई शक्तियों को जाग्रत करता है। सात प्रमुख देवी देवताओं के मंत्र - 1- श्रीगणेश – मुश्किल कामों में कामयाबी, रुकावटों को दूर करने, बुद्धि लाभ के लिए इस गणेश गायत्री मंत्र का स्मरण करना चाहिए। धीमहि तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात्। इसके बाद क्रम से ब्रह्मा, विष्णु और महेश आते हैं तत्पश्चात देवी शक्ति की आराधना होती है। पालन-पोषण की क्षमता व काबिलियत बढ़ाने या किसी भी तरह से सबल बनने के लिए विष्णु गायत्री का महत्व है। धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्। दायित्वों व कर्तव्यों को लेकर दृढ़ बनने, अमंगल का नाश व शुभता को बढ़ाने के लिए शिव गायत्री मंत्र बड़ा ही प्रभावी माना गया है। धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्। किसी भी रूप में सृजन शक्ति व रचनात्कमता बढ़ाने के लिए ब्रह्मा गायत्री मंत्र मंगलकारी होता है। धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्। रुतबा, पैसा, पद, यश व भौतिक सुख-सुविधाओं की चाहत लक्ष्मी गायत्री मंत्र शीघ्र पूरी कर देता है। धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्। बुद्धि व विवेक, दूरदर्शिता, चतुराई से सफलता मां सरस्वती गायत्री मंत्र से फौरन मिलती है। धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्। विघ्नों के नाश, दुर्जनों व शत्रुओं को मात व अहंकार के नाश के लिए दु्र्गा गायत्री मंत्र का महत्व है। धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्। |