कुंडली में अशुभ हो राहु तो देता है परेशानियां, |
ज्योतिष में कहा जाता है कुज वत केतु, शनिवत राहु। यानी मंगल की तरह केतु और शनि की तरह राहु प्रभाव देता है। राहु और केतु को अलग-अलग नहीं माना जाता। ये दोनों एक दूसरे से 180 अंश की दूरी पर या कुंडली में आमने-सामने होते हैं।
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यदि शुभ स्थान पर राहु हो, तो यश, मान, प्रतिष्ठा, दौलत सब देता है। अगर यह अशुभ हो, तो जातक को बार-बार असफलता और परेशानियां मिलती है। राहु के अशुभ होने पर जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आती हैं, जिससे जीवन में कष्ट भोगने पड़ते हैं। ज्योतिष में राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से राहु दोष कम होता है। जानते हैं इसके बारे में... जल में चंदन का इत्र डालकर उससे नहाएं। इससे राहु शुभ असर देने लगेगा। कुंडली से राहु दोष के प्रभाव को कम करने के लिए प्रत्येक सोमवार को मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। शनिवार को पीपल और शनि को जल चढ़ाएं। ऊं रां राहुवे नम: का 108 बार जप करें। राहु के प्रभाव को कम करने के लिए काली वस्तुओं का दान करें। |