हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के बाद माथे पर तिलक लगाने की परंपरा है। पूजा-पाठ नहीं तो यूं ही ललाट पर तिलक लगाया जाना शुभ माना जाता है।
पर क्या आपको पता है कि माथे पर ये तिलक क्यों लगाया जाता है? जल्द ही 10 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू होने वाले हैं। ऐसे में आपको हर जगह लोग माथे पर तिलक लगाए नजर आएंगे।
व्रत-उपवास में लोग अधिक पूजा पाठ करते हैं। इस दौरान लोग व्रती होते हैं तो उनकी पहचान तिलक से भी की जा सकती है। कम लोग ही जानते हैं
आखिर टीका लगाने से फायदा क्या है? तिलक धारण का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? दरअसल, टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ कुछ और कारण भी हैं।
शास्त्रों में 12 जगहों पर तिलक लगाने को बताया गया है जिसमें, सिर ललाट, कंठ, हृदय, दोनों भुजाएं,बाहुमूल, नाभि, पीठ और दोनों बगल। शिव भक्तों को तीन आड़ी रेखाओं से बना त्रिपंड लगाये जाने की मान्यता है।
आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने की परंपरा है। यहां तक कि अद्रश्य तिलक लगाने को लोकर भी शास्त्रों में कहा गया है।
इसका उपाय ललाट पर जल से तिलक लगा लेना बताया गया है। जो किसी को दिखाई नहीं देता परंतु लाभदायक कहा गया है।
- ऐसा माना जाता है कि तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है।
इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास और आत्मबल बढ़ता है।
- मानव शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जिन्हें चक्र कहते हैं।
मस्तिष्क के बीच में जिस स्थान पर तिलक लगाया जाता है वहां आज्ञाचक्र स्थापित होता है।
- पुरूषों को माथे पर लंबा तिलक लगाया जाता है।
वहीं महिलाओं के माथे पर गोल टीका लगाने का रिवाज है।
- ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है। लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं। यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है।
- हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है। हल्दी में एंटी बैक्ट्रियल तत्व होते हैंय़ इससे रोग दूर रहते हैं।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है। लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं। माना जाता है तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है।
- चंदन का तिलक को ज्यादा अहम कहा गया है। चंदन का तिलक मस्तिष्क को शांत रखता है।
रोली सिंदूर के अलावा चंदन के तिलक को खास अहमियत मिली है। मान्यता है कि चंदन के तिलक से घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य मिलता है।
- दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है।
- इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है। तिलक लगाने से सिर दर्द रहने वाले मरीजों को आराम पहुंचता है।
- व्रत-उपवास करने वाले लोगों को माथे पर तिलक जरूर लगाना चाहिए। तिलक के बिना व्रत अधूरा भी माना जाता है।
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