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अद्भुत है साँपों से जुड़े रहस्य;
आप भी पढ़ें भविष्य पुराण की जुबानी

साँपों के एक अलग संसार है जहाँ एक तरफ वे भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार है तो दूसरी तरफ एक खतरनाक जानवर भी । आपको बता दें भविष्य पुराण में सांपो के जन्म से लेकर उनकी मृत्यु के विषय में उनसे जुडी कई आश्चर्यजनक बातें बताई गई है। अद्भुत और गज़ब है साँपों से जुड़े रहस्य। तो आइये आज हम आपको उन्हीं बातों से रूबरू कराते है




साँपों से जुड़े रहस्य
  • भविष्य पुराण में बताया गया है कि नागों के गर्भ धारण का समय ज्येष्ठ और आषाढ़ मास होता है।
  • वर्षा ऋतु के चार महीने तक सार्पिनी गर्भ धारण करती है और कार्तिक के महीने में सर्पिनी अंडे देती है।
  • गर्भवती नागिन एक बार में दो सौ चालीस अंडे देती है।
  • वैसे तो नाग अपने अंडों को स्वयं खा जाता है। ईश्वरीय कृपा से जो अंडे बच जाते हैं उनसे नागों का वंश आगे बढ़ता है।
  • पुराण में वर्णित है कि सोने के समान आभा वाले अंडे से नाग का जन्म होता है।
  • लंबी रेखाओं से युक्त अंडों से नागिन उत्पन्न होती है।
  • पुराण के अनुसार नागों में भी नपुंसक पैदा होते हैं।
  • इनके बारे में बताया गया है कि ललिमा युक्त अंडे से जन्म लेने वाले नाग नपुंसक होते हैं।
  • अंडे से बाहर आने के केवल सात दिन बाद संपोलों का रंग काला हो जाता है।
  • अंडे से बाहर आने के 21 दिन बाद नाग के विषदंत आ जाते हैं और 25 दिन बाद नागों में किसी के प्राण लेनेकी क्षमता आ जाती है।
  • नाग दीर्घायु होते हैं। कहा जाता है अगर यह अकाल मृत्यु से बच जाए तो यह 120 वर्ष तक जीवित रह सकते है।
  • मनुष्य की तरह सांप के भी बत्तीस दांत होते हैं। इनके चार विषैले दाढ़ होते हैं जिनके नाम हैं मकरी, कराली, कालरात्री और यमदूती।
  • आश्चर्य होगा यह जानकर कि सांप के 240 सूक्ष्म पैर होते हैं इसलिए दिखाई नहीं देते। चलते समय यह पैर बाहर निकल आते हैं अन्य समय शरीर में प्रविष्ट कर जाते हैं।