नई दुकान खोलते समय इन बातों को ध्यान रखें। |
नया व्यापार या कारोबार शुरू करते समय हरेक व्यक्ति की तमन्ना रहती है कि उसका कारोबार तरक्की के नए आयाम को छुए। लेकिन ऐसा होना हर बार संभव नहीं है। कई लोगों का एकमात्र व्यवसाय उनकी दुकान होती है। जिसे वह लाखों की लागत से बनाते हैं। लेकिन कई बार वह दुकान ब्याज जितना भी मुनाफा नहीं दे पाती,
जिससे दुकानदार परेशान होने लगते हैं। लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर आप दुकान के वास्तु और दैनिक क्रियाओं का ध्यान रखते हैं तो आपकी दुकान में धन वर्षा होने लगेगी। यदि आप भी किसी चीज की दुकान खोलने जा रहे हैं तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें, जिससे आपकी दुकान काफी फायदा देने लगेगी।
![]() कैसी हो दुकान या ऑफिस की वास्तु व्यवस्था यदि दुकान आगे की ओर अधिक चौड़ी और पीछे कम चौड़ी है तो इसे सिंहमुखी दुकान कहा जाता है। बिजनेस के लिए देसी दुकानें अच्छी मानी जाती हैं। इसमें धन की आवक खूब होती है।दुकान में बैठते समय अपना मुख हमेशा उत्तर या पूर्व की ओर रखकर बैठें। इससे ग्राहक मोल-भाव और उधार कम करता है। किस दिन नए व्यापार की शुरुआत शुभ दिन व समय के अनुसार ही नए व्यापार की शुरुआत करें। मुहूर्त व दिन का रखें ख्याल नया व्यापार या दुकान के प्रारंभ का उपयुक्त मुहूर्त तिथि व समय निकलवाएं।द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, अष्टमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, पूर्णिमा तिथियां शुभ मानी गई है। नए व्यापार का आरंभ सोम, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, रविवार के दिन ही करें किस दिन न करें व्यापार की शुरुआत मंगलवार के दिन करना शुभ नहीं माना जाता। मुहूर्त की दृष्टि से बुधवार व मंगलवार को उधार का लेन-देन शुभ नहीं माना जाता है। क्षय मास, मल मास, अधिक मास में कोई भी नया व्यापार करना वर्जित माना जाता है। दुकान खोलते समय क्या करें? च धीमहि तन्यो लक्ष्मी प्रचोदयात" क्या न करें दक्षिण दिशा में किसी देवी-देवता का चित्र ना लगाएं। दुकान का कचरा साफ करते समय कचरा सड़क पर ना फेंके। इससे दुकान में बरकत कम होने लगती है। कचरे को अपनी दुकान के निश्चित कोने दक्षिण-पश्चिम के कोने के कूड़ेदान में ही डालें और कूड़ेदान के भर जाने पर उसे नगर-निगम को दें। कचरा यदि दुकान के आसपास चौराहे, फव्वारे आदि जगह डाला जाता है तो उससे आसपास की सभी दुकानों की आय पर असर पड़ता है। साथ ही वातावरण दूषित होने से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। दुकान का जितना क्षेत्र आपके नाम है या आपने किराये पर लिया है, उतने क्षेत्र का ही इस्तेमाल करें। क्योंकि अतिक्रमण कर दुकान बढ़ाने से वास्तुनुसार दुकान के कोने कट या बढ़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में आय पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। |