मयूर पंख से गृह दोष दूर करने के उपाय |
ज्योतिष शास्त्र में भी मोर के पंखों का विशेष महत्व बताया गया है। यदि विधिपूर्वक मोर पंख को स्थापित किया जाए तो घर के वास्तु दोष दूर होते हैं और कुंडली के सभी नौ ग्रहों के दोष भी शांत होते हैं।
घर का द्वार यदि वास्तु के विरुद्ध हो तो द्वार पर तीन मोर पंख स्थापित करें। ![]() यदि किसी की कुंडली में किसी गृह में कोई दोष है मोर पंख के इन उपायों से उस गृह का दोष दूर होता है - शनि के लिए : शनिवार को तीन मोर पंख ले कर आएं। पंख के नीचे काले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें- गुलाब जामुन या प्रसाद बना कर चढ़ाएं। इससे शनि संबंधी दोष दूर होता है। सूर्य के लिए : रविवार के दिन नौ मोर पंख लेकर आएं और पंख के नीचे मैरून रंग का धागा बांध लें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियां रखें, गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। चंद्र के लिए : सोमवार को आठ मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बांध लें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ आठ सुपारियां भी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। मंगल के लिए : मंगलवार को सात मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे लाल रंग का धागा बांध लेँ। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ सात सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें… बुध के लिए : बुधवार को छ: मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे हरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ छ: सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। केले के पत्ते पर रखकर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ाएं। गुरु के लिए : गुरुवार को पांच मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे पीले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को चढ़ाएं। शुक्र के लिए : शुक्रवार को चार मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बांध लेँ। एक थाली में पंखों के साथ चार सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। गुड़-चने का प्रसाद बना कर चढ़ाएं। राहु के लिए : शनिवार को सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें… कोई भी मीठा प्रसाद बनाकर चढ़ाएं। केतु के लिए : शनिवार को सूर्य अस्त होने के बाद एक मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे स्लेटी रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंख के साथ एक सुपारी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें। फलों का प्रसाद चढ़ाएं। |