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क्या आप मांगलिक दोष से पीड़ित हैं?
तो मंगलवार के ये उपाय आपको देंगे राहत

जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में बैठा हो तो कुंडली में मांगलिक दोष है, मंगली होने से नहीं हो रही है शादी तो मंगलवार को करें ये उपाय.
देवों के सेनापति मंगल को पराक्रम का कारक माना जाता है। एक ओर जहां मंगल क्रूर ग्रह माना गया है, वहीं इसके खराब होने पर जीवन में कई तरह की परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं। मंगल के संबंध में सबसे अधिक परेशानी वाली बात है, विवाह न होना, मंगल दोष के कारण लोगों के विवाह में कठिनाई आती है।





माना जाता है कि मांगलिक दोष मनुष्य जीवन के दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है। मंगल दोष व्यक्ति के विवाह में देरी अथवा अन्य प्रकार की रुकावटों का कारण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में बैठा हो तो यह स्थिति कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण करती है। इसके प्रभावों को कम करने के लिए जातक को मंगल दोष के उपाय करने चाहिए। वहीं यदि कुंडली में मंगल के साथ ही राहु भी बैठ जाता है, तो मांगलिक प्रभाव खत्म माना जाता है, साथ ही राहु भी अपना असर खो देता है। ज्योतिष के जानकार पंडित शर्मा के अनुसार मंगल के संबंध में ये मान्यता भी है कि 28वें वर्ष में मंगल का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है। और वे शुभ फल देने लगते हैं लेकिन ये भी इस बात पर निर्भर करता है कि वे आपकी कुंडली के कौन से भाव को देख रहे हैं, इसके अलावा उनकी प्रत्यंतर दशा, अंतर दशा भी बहुत हद तक मायने रखती है।
मंगल दोष दूर करने के सरल उपाय
उज्जैन में भगवान मंगलनाथ का मंदिर है यहा स्वयं मंगलग्रह ने तपस्या की थी वहीं कुछ जानकारों के अनुसार यहीं से मंगल की उत्पत्ति हुई थी, ऐसे में इस स्थान में चावल अर्थात भात के द्वारा भगवान मंगलनाथ महादेव के श्रॄंगार करके उसका विधि अनुसार पूजन किया जाता है इससे मंगलदोष की शांति होती है।

मंगलवार को रखें व्रत
मान्यता के अनुसार मंगल दोष के निवारण के लिए हनुमत आराधना का विशेष और शुभ फल प्राप्त होता है। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को मंगलवार का व्रत अवश्य करना चाहिए और पूरे दिन पवनपुत्र हनुमान का ध्यान करना चाहिए।

सुंदरकांड का पाठ
मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ, हनुमानाष्टक मंत्र और बजरंग बाण का जाप करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन किसी लाल वस्त्र में मसूर की दाल को लपेटकर भिखारी को दान करनी चाहिए। मंगल के कारण विवाह समस्या: शादी से पहले किए जाने वाले उपाय ( लड़के लड़कियों के अनुसार अलग-अलग उपाय ) मांगलिक समस्या होने पर लड़कियों के लिए कुंभ विवाह, विष्णु विवाह और अश्वत्थ विवाह मंगल दोष के सबसे अधिक प्रचलित उपाय हैं। अश्वत्थ विवाह (पीपल पेड़ से विवाह)- गीता में लिखा 'वृक्षानाम् साक्षात अश्वत्थोहम्ं' अर्थात वृक्षों में मैं पीपल का पेड़ हूं। अश्वत्थ विवाह अर्थात पीपल या बरगद के वृक्ष से विवाह कराकर, विवाह के पश्चात उस वृक्ष को कटवा देना। चूंकि यह प्रतीकात्मक विवाह होता है तो इसके लिए पीपल का छोटा पौधा भी उपयोग में लाया जा सकता है। परंतु ध्यान रहे कि कई बार अश्वत्थ विवाह केले, तुलसी, बेर आदि के पेड़ से भी करवाएं जाते हैं, जिन्हें लेकर विरोध है। विष्णु प्रतिमा विवाह- ये भगवान विष्णु की स्वर्ण प्रतिमा होती है, जिसका अग्नि उत्तारण कर प्रतिष्ठा पश्चात वैवाहिक प्रक्रिया संकल्पसहित पूरी करना शास्त्रोक्त है।

कुंभ विवाह :
इसी तरह किसी कन्या के मंगल दोष होने पर उसका विवाह भगवान विष्णु के साथ कराया जाता है। इस कुंभ या कलश में विष्णु स्थापित होते हैं। दरअसल यदि एक व्यक्ति मांगलिक हो और दूसरा पार्टनर न हो तो कुंभ विवाह के जरिए इस दोष को खत्म किया जा सकता है। हिंदू-वैदिक शास्त्र के मुताबिक शादी से पहले मांगलिक व्यक्ति को केले, पीपल या भगवान विष्णु की सोने या चांदी की मूर्ति से विवाह की रीति पूरी करनी होगी।
  • ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक मांगलिक पति और पत्नी को शादी के बाद लालवस्त्र पहन कर तांबे के लोटे में चावल भरने के बाद लोटे पर सफेद चन्दन को पोत कर एक लाल फूल और एक रुपया लोटे पर रखकर पास के किसी हनुमान मन्दिर में रख कर आना चाहिए।
  • इसके अलावा चांदी की चौकोर डिब्बी में शहद भरकर रखने से भी मंगल का असर कम हो जाता है।
  • घर में आने वाले मेहमानों को मिठाई खिलाने से भी मंगल का असर कम रहता है।
  • मंगल शनि और चंद्र को मिलाकर दान करने से भी फायदा मिलता है।
  • मंगलवार को दान देना भी मांगलिक दोष को कम करने का एक तरीका है। लाल दाल जैसे मसूर, लाल कपड़ा और लाल पत्थर आदि का दान किया जा सकता है।


  • लड़कों के लिए मंगलदोष दूर करने के उपाय :
    जब चंद्र-तारा अनुकूल हों, तब और अर्क विवाह शनिवार, रविवार अथवा हस्त नक्षत्र में कराना ऐसा शास्त्रमति है। मान्यता है कि किसी भी जातक (वर) के कुंडली में इस तरह के दोष हों, तो सूर्य कन्या अर्क वृक्ष से विवाह करना, अर्क विवाह कहलाता है। अर्क विवाह से दाम्पत्य सुखों में वृद्धि होती है और वैवाहिक विलंब दूर होता है। इसके अलावा अन्य आसान उपाय जो विवाह पूर्व किए जाते हैं, इस प्रकार हैं :-
  • केसरिया गणपति अपने पूजा गृह में रखें एवं रोज उनकी पूजा करें।
  • ॐ हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • महामृत्युंजय का पाठ करें।


  • ऐसे समझें : दो मांगलिक लोगों का विवाह...
    यदि दोनों पार्टनर मांगलिक हैं तो यह दोष स्वत: समाप्त हो जाता है। वहीं यदि मांगलिक से गैर-मांगलिक का विवाह हुआ हो तो उपाय करने पड़ते हैं।

    वानरों को गुड़ और चना खिलाएं
    मंगल की शांति के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी के चरणों से सिंदूर लेकर अपने माथे पर उसका टीका करना चाहिए और वानरों को गुड़ और चना खिलाना चाहिए।

    लाल पत्थर
    माना जाता है कि मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति अगर स्वयं अपने घर का निर्माण करवाता है तो उसे लाल रंग के पत्थर का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

    जल्दबाजी में निर्णय न लें
    मंगल दोष व्यक्ति को जल्दबाज बनाता है, ऐसे में इस दोष से प्रभावित लोगों को बिना सोचे-समझे निर्णय लेने से बचना चाहिए। आपको अपने विवेक से इस कमी को पार करना चाहिए।

    घर में लाल पौधे लगाएं
    मंगलदोष से पीडित व्यक्ति के लिए अपने घर की बालकनी या परिसर के भीतर लाल रंग के फूल वाले पौधे लगवाना और उनकी सेवा करना बहुत अच्छा होगा

    हनुमान जी की कृपा
    हनुमन आराधना एक रामबाण है जो आपको सभी कष्टों से उबार सकती है। क्योंकि हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नव निधियों का स्वामी माना जाता है। माना जाता है कि अगर इनकी कृपा हो तो कोई भी ग्रह अपको कष्ट नहीं पहुंचा सकता।