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किस मंत्र से देव पूजा में
जलाएं दीपक

दीपक को रौशनी का, उजाले का तथा प्रकाश का प्रतीक माना जाता हैं। दीपक को मनुष्य जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए भी शुभ माना जाता हैं। देव पूजा परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है- दीपक लगाना। इससे जुड़ा धर्म सूत्र यही है कि दीपज्योति यानी प्रकाश, ज्ञान का प्रतीक है। जहां ज्ञान होता है, वहां सुख-समृद्धि ही नहीं होती, बल्कि कलह भी दूर रहते हैं। इस ज्ञान के साथ ईश्वर कृपा और आशीर्वाद हो तो वह स्थान या व्यक्ति संकटमुक्त रहता है। अभी खरमास भी चल रहा है कहते हैं इस महीने रोज शाम में तुलसी के पास दिया अवश्य जलाएं ये अतिशुभ माना जाता है।
देव पूजा में दीपक लगाने के पीछे भी ईश्वर से ज्ञान, विद्या, सुख व समृद्धि की कामना ही होती है। धार्मिक मान्यताओं में दीप ज्योति में अग्रिदेव का वास भी माना गया है, जो पंचदेवों में एक सूर्य देवता का रूप भी माने गए हैं, जो प्राणशक्ति, सुख, स्वास्थ्य, सेहत और प्रतिष्ठा देने वाले परब्रह्म माने जाते हैं।





धर्म पुराणों में देव उपासना में दीप जलाने का मंत्र विशेष बताया गया है। इस मंत्र को बोल या पढ़कर घी या तेल का दीप जलाकर भगवान के सामने रखें व हाथ धोकर पूजा के अन्य विधान पूरे करें। दीप मंत्र है-
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम्।।
धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार संपन्नता और खुशहाली अपने कर्मों और भाग्य् से मिलती है। ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो प्रतिकूलता भी अनुकूलता में बदलने लगती है।

पूजा के खास नियम-
  • घर में पूजा पाठ के दौरान घर में हमेशा दो दिया जलाना चाहिए। एक दीपक घी का और दूसरा तेल का।
  • पूजा के अंत में हमेशा आरती करनी चाहिए और आरती के बाद उसी स्थान पर तीन बार घूमकर परिक्रमा करनी चाहिए।
  • कहा जाता है कि पूजा के दौरान कभी भी दीपक से अगरबत्ती या धूप नहीं जलानी चाहिए। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है।
  • माना जाता है कि पूजा के वक्त कभी भी कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में बीमारियां आती हैं।
  • पूजा के वक्त धूप, दीप, अगरबत्ती जलाने के बाद माचिस की तीली फूंक मारकर नहीं बुझानी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से लक्ष्मी दूर होती है।
  • धर्म शास्त्रों के अनुसार बांस से निर्मित अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। अगरबत्ती सिर्फ खुशबू के लिए नहीं जलानी चाहिए। अगर अगरबत्ती का सही चुनाव नहीं किया गया तो घर में गरीबी आ सकती है।