अमरनाथ की गुफा से जुड़ा हैरान कर देने वाला ये रहस्य, शायद ही जानते हो आप |
अमरनाथ गुफा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्थहल है। इसे भगवान शिव की सबसे खास जगहों में से एक माना जाता है। प्राचीनकाल में इसे अमरेश्वर भी कहा जाता था।
किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज यह बात बहुत ही कम लोग जानते होंगे। जानिए अमरनाथ से जुड़ी ऐसी ही 6 खास बातें
![]() सबसे पहले किसने की थी इस गुफा की खोज : ऐसी मान्यता है कि इस गुफा की खोज बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम ने की थी। वह एक दिन भेड़ें चराते-चराते बहुत दूर निकल गया। एक जंगल में पहुंचकर उसकी एक साधु से भेंट हो गई। साधु ने बूटा मलिक को कोयले से भरी एक कांगड़ी दे दी। घर पहुंचकर उसने कोयले की जगह सोना पाया तो वह बहुत हैरान हुआ। उसी समय वह साधु का धन्यवाद करने के लिए गया परन्तु वहां साधु को न पाकर एक विशाल गुफा को देखा। उसी दिन से यह स्थान एक तीर्थ बन गया। यहां शिव ने पार्वती को सुनाई थी अमरकथा : अमरनाथ की गुफा का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण होता है। इस गुफा का महत्व इसलिए भी है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरत्व का मंत्र सुनाया था। अमरकथा सुनाने से पहले छोड़ा था सभी का साथ : मान्यताओं के अनुसार, कोई और अमरकथा न सुन ले, इसलिए भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा देवी पार्वती को कथा सुनाने से पहले सभी का त्याग कर दिया था। भगवान शिव जब पार्वती को अमरकथा सुनाने ले जा रहे थे, तब उन्होंने रास्ते में सबसे पहले पहलगाम में अपने नंदी का परित्याग किया। इसके बाद चंदनबाड़ी में अपनी जटा से चंद्रमा को मुक्त किया। शेषनाग नामक झील पर पहुंच कर उन्होंने गले से सर्पों को भी उतार दिया। फिर श्रीगणेश को भी उन्होंने महागुणस पर्वत पर छोड़ देने का निश्चय किया। अंत में पंचतरणी नामक स्थान पर पहुंच कर भगवान शिव ने पांचों तत्वों का परित्याग किर दिया था। देवी पार्वती के अलावा भी किसी ने सुन ली थी अमरकथा : शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती के साथ ही अमरकथा के रहस्य को शुक (तोता) और दो कबूतरों ने भी सुन लिया था। यह शुक बाद में शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गए। गुफा में आज भी कई श्रद्धालुओं को कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है, जिन्हें अमर पक्षी माना जाता है। अद्भुत है यहां के शिवलिंग का रहस्य : अमरनाथ गुफा के अंदर बनने वाला शिवलिंग पक्की बर्फ का बनता है जबकि गुफा के बाहर मीलों तक सभी जगह कच्ची बर्फ ही देखने को मिलती है। सभी जगह कच्ची बर्फ होने पर भी शिवलिंग पक्की बर्फ का कैसे बनता है, यह आज भी एक रहस्य है। यहां गिरा था देवी सती का कंठ : श्री अमरनाथ गुफा में देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक स्थापित है। मान्यता है कि यहां देवी सती का कंठ भाग गिरा था । यहां पर देवी सती को महामाया और भगवान शिव को त्रिसंध्येश्वर कहा जाता हैं। |