तिल के पत्ते व जड़ के फायदे, गुण और लाभ |
सर्दियों के मौसम में तिल के फूल से ओस की बूदों को छोटे कपड़ों या रुई के माध्यम से एकत्रित करें। अब इन ओस की बूदों को आखों में ड्राप के रूप में इस्तेमाल करें। यह आंख से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। तिल की जड़ और पत्तियों का काढ़ा बना कर अपने बालों पर लगाएं। यह आपके बालों को काला करने में मदद करेगा है। इसके साथ ही साथ यह बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकता है। तिल के तेल को बालों पर लगाने से आपके बाल काले, मजबूत और लंबे होते हैं। |
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तिल के फूल के लाभ पथरी में सूखे हुए तिल के फूलों को जला कर उनकी राख को रख लें। इस राख को 7 से 10 ग्राम तक पथरी के मरीजों को रोजाना दें। इसे खाने से पथरी आसानी से ठीक हो जाती है। तिल के फूल के 4 ग्राम रस में 2 चम्मच शहद और 250 ml दूध मिलाकर पीएं। यह पथरी रोग को जड़ से मिटाता है। तिल की जड़ के फायदे जोड़ों के दर्द में तिल की जड़ और अदरक की जड़ को बराबर मात्रा में लेकर एक मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को 5 ग्राम 3 से 4 बार दें। इसे नियमित रूप से लेने से जोड़ो के दर्द से राहत मिलती है। तिल के छाल के लाभ जहर के प्रभाव को निष्क्रिय करने में तिल के पोधे की छाल और अदरक को पानी के साथ पीस लें। अब इसे कोई जहरीला कीड़ा या बिल्ली, कुत्ते के काटने पर लगाएं। ऐसा करने से जहर का प्रभाव कम हो जाता है। यह मकड़ी के जहर को निक्रिय करता है। इसके अलावा तिल को पानी के साथ पीसकर जिस भाग में बिल्ली ने काटा हो वहां पर लगाएं। यह बिल्ली के जहर को भी निष्क्रिय करता है। इसके साथ ही साथ तिल के बीज को सिरके के साथ पीस कर जहां बरैया या जहरीला कीड़ा काटा हो वहां पर लगाएं। चेतावनी: अगर आप या आप के आस-पास किसी को जानवर ने काटा हो या किसी अन्य कारण से आप या कोई अन्य व्यक्ति कैसे भी किसी भी प्रकार के जहर के संपर्क में आ गए हैं, तो ऐसी स्थिति में आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता होती है। तुरंत डॉक्टर के पास या अस्पताल जाएँ। |