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करेले के स्वास्थ्य लाभ

करेले के बारे में एक कहावत है, ‘करेला, वो भी नीम चढ़ा|’ अर्थात् करेला अत्यंत कड़वा होता है| इसकी तासीर ठंडी होती है, तथा पचने में यह हल्का होता है| यह आयु को बढ़ाता है और पाचन-क्रिया प्रदीप्त करके शौच साफ लाता है|
1. रक्त-शोधक
पचास से साठ ग्राम तक करेले का रस नित्य कुछ दिनों तक सेवन करने से शरीर का दूषित रक्त साफ हो जाता है| इससे रक्त-विकार के कारण होने वाले चर्म रोग भी दूर हो जाते हैं|
2. खूनी बवासीर
यदि बवासीर के मस्से फट जाते हों और उनसे रक्तस्त्राव होता रहता हो, तो दिन में तीन बार, कुछ दिनों तक एकेक चम्मच करेले का रस शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है|
3. पथरी रोग
करेले का रस गुर्दे और मूत्राशय की पथरी को तोड़कर बाहर ले आता है| इसके लिये दो करेले का रस नित्य पीना चाहिए| करेले की सब्जी खाना भी लाभप्रद है|
4. यकृत रोग
छोटे बालकों (जिनकी आयु तीन से आठ वर्ष तक हो), आधा चम्मच करेले का रस नित्य देने से उनका यकृत ठीक रहता है, यकृत में कोई विकार नहीं होता और पहले से कोई विकार हो, तो वह भी दूर हो जाता है| करेले का रस पेट साफ रखता है|
यकृत बढ़ने और जलोदर होने पर 50 ग्राम करेले का रस सौ ग्राम पानी में मिलाकर नित्य तीन बार, कुछ महीने तक पीने से लाभ हो जाता है| इस तरह के रोगी को करेले की सब्जी भी अधिक मात्रा में प्रयोग करनी चाहिए|
5. पाचन-शक्ति
भोजन का पाचन उचित मात्रा में न होता हो या वायु रोग के कारण कष्ट उठाना पढ़ता हो, तो करेले की सब्जी का सूप पीना लाभदायक रहता है|
6. कब्ज
कब्ज में करेले का रस लाभ करता है| करेले की सब्जी नित्य खाते रहने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फास्फोरस मिल जाता है, जिस कारण शरीर में स्फूर्ति रहती है| करेला भूख बढ़ाने वाला और भोजन पचाने वाला होता है|
7. पीलिया
एक ताजा करेला पानी में पीस कर, सुबह-शाम दो बार पीने या पिलाने से पीलिया रोग दूर हो जाता है|
8. गठिया
जोड़ों पर करेले के पत्तों के रस की मालिश करें और करेले की ही सब्जी खाएं| कुछ माह में ही गठिया रोग-से मुक्ति मिल जाएगी|
9. लकवा
लकवे की प्ररम्भिकावस्था में करेले की सब्जी खाना लाभदायक है|
10. दमा
दमा-रोग के लिए भी करेला अत्यंत गुणकारी है|
11. हैजा
चौथाई कप करेले का रस और इतना ही पानी तथा स्वादानुसार नमक मिलाकर बार-बार पिलाने से हैजा में तुरंत लाभ होता है| उलटी और दस्त भी दूर होते हैं|
12. तिल्ली
गरम पानी में 25 ग्राम करेले का रस मिलाकर नित्य तीन बार पिलाने से तिल्ली कट जाती है|
13. कृमि
जिन बच्चों के पेट में कीड़े हों, उन्हें समय-समय पर करेले का रस पिलाते रहना चाहिए|
14. रक्तशोधक
करेले का ताजा साठ ग्राम रस नित्य कुछ दिनों तक सेवन करने से शरीर का दूषित रक्त-साफ हो जाता है|
15. पैरों में जलन
करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से जलन में लाभ होता है| यदि पत्तों का रस न मिले तो करेले का रस भी प्रयोग किया जा सकता है|
विशेष:
करेला किसी भी तरह उपयोग किया जाए, एलर्जी नहीं करता है, किन्तु गर्म अधिक होने के कारण गर्म-प्रकृति के लोगों को कुछ हानि अवश्य पहुंचा सकता है| यदि किसी प्रकार की हानि की सम्भावना हो तो नींबू और दही का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए|