नीम के स्वास्थ्य लाभ |
नीम खाने में कड़वी लगती है, लेकिन उसके गुण मीठे होते हैं| नीम में अमृत तत्त्व मौजूद हैं| यह कमजोर व्यक्ति को भी उठाकर बैठा देता है| निम्ब का अर्थ ही है – नीरोग करने वाला| कौन नहीं जानता कि नीम की दातुन दांतों को मजबूत करती है तथा उनमें कीड़ा नहीं लगने देती| नीम का निरन्तर सेवन करने से व्यक्ति वासनाओं से दूर भागने लगता है| इस प्रकार नीम का पेड़ जड़ से लेकर फुनगी तक हमारे लिए बहुत लाभदायक है| |
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नीम के वृक्ष की छाया हमें जीवनदान देती है| थका-मांदा व्यक्ति नीम के नीचे आश्रय पाकर सारे दु:खों को भूल जाता है| उसकी नस-नस में स्फूर्ति समा जाती है| नीम के पत्ते कोढ़ियों के लिए बहुत ही गुणकारी हैं| इसकी सुगंध से दूर-दूर तक का वातावरण शुद्ध हो जाता है| यह कफ नाशक, कृमि नाशक, बवासीर, कुष्ठ, खांसी, स्नायु, त्वचा आदि सभी रोगों के लिए बहुत उपयोगी है| इसके चिकित्सीय उपयोग निम्नलिखित हैं – 1. अजीर्ण नीम की दो निबौलियों का गूदा शहद में मिलाकर चाटने से मल साफ आता है| 2. अम्लपित्त नीम की थोड़ी-सी छाल, सोंठ और कालीमिर्च – सबको पीसकर चूर्ण बना लें| इसमें से 5 ग्राम चूर्ण रोज सवेरे तथा शाम को ताजे पानी से सेवन करें| तीन-चार दिनों में अम्लपित्त का रोग चला जाएगा| 3. अरुचि नीम की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना लें| आधा-आधा चम्मच चूर्ण सुबह-शाम शहद में मिलाकर सेवन करें| भोजन के प्रति अरुचि जाती रहेगी| 4. आंख दु:खना नीम की पत्तियों का रस 10 ग्राम निकालकर उसमें 10 ग्राम पठानी लोध पीसकर मिला दें| इसे पलकों पर लेप करने से आंखों की जलन और लाली चली जाती है| 5. आंखों में जाला नीम के पत्ते, आंवला, हरड़, नागरमोथा, कूट, गिलोय, बायबिड़ंग एवं सेंधा नमक 10-10 ग्राम तथा पुनर्नवा की जड़ 20 ग्राम – सबको कूट-पीसकर गाय के मूत्र में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें| प्रतिदिन एक-एक गोली घिसकर दोनों पलकों पर लगाएं| कुछ ही दिनों में आंखों का जाला कट जाएगा| 6. आग से जलना नीम का तेल जले हुए स्थान पर लगाने से फफोले नहीं पड़ते| इससे घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है| 7. पेचिश नीम की पत्तियों, फलों तथा फूलों को सुखाकर चूर्ण बना लें| इसमें से 3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम चाटने से पेचिश बंद हो जाती है| 8. दाद-खाज नीम की छाल, पीपल की छाल, गिलोय और मजीठ – सभी 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें| दिनभर में तीन बार इस काढ़े का सेवन करें| दाद-खाज पर नीम का तेल भी लगाएं| 9. कब्ज नीम की थोड़ी-सी पत्तियों का काढ़ा बना लें| फिर इसमें थोड़ी-सी शक्कर डालकर भोजन के बाद सेवन करें| 10. कान का दर्द थोड़ी-सी नीम की पत्तियां तथा 3 ग्राम तुतिया (नीला थोथा) – दोनों को पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें| यह गोलियां सरसों के तेल में पकाकर छान लें| अब इस तेल को बूंद-बूंद कान में डालें| 11. गंजापन सिर पर नीम के तेल की नित्य मालिश करने से कुछ ही दिनों बाद गंज पर बाल आने लगते हैं| 12. घमौरी सारे शरीर पर नीम के तेल की मालिश करने से तीन-चार दिनों में घमौरियां सूख जाती हैं| 13. चर्म रोग नीम की तीन से दस कोंपलें प्रतिदिन सुबह के समय बिना कुछ खाए-पिए चबा जाएं| चर्म रोग ठीक हो जाएगा| 14. मुंहासे नीम के बीज को सिरके में पीसकर लगाने से मुंहासे कुछ ही दिनों में सूख जाते हैं| 15. जुएं तथा लीखें सिर में नीम के तेल की मालिश करने से जुएं तथा लीखें मर जाती हैं| 16. पतले दस्त नीम की छाल का काढ़ा पीने से पतले दस्त रुक जाते हैं| 17. बवासीर नीम की छाल का चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करें तथा नीम का तेल मस्सों पर लगाएं| इन दोनों चीजों के प्रयोग से अवश्य लाभ होगा| |