हींग के स्वास्थ्य लाभ |
हींग का प्रयोग दाल, साग-सब्जी में डालने तथा उदर रोग नाशक चूर्ण बनाने में किया जाता है| हींग-जीरा से सब्जी छौंकने तथा दाल बघारने की क्रिया बहुत ही लाभदायक है| छौंक से निकलने वाली वायु जितनी दूर तक जाती है, उतनी दूर का वातावरण सुगंधित हो जाता है| इससे सूक्ष्म जीवाणु, जो स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं, नष्ट हो जाते हैं| असल में हींग एक पेड़ की गोंद है जो पर्वतों पर होता है| गोंद को पकाकर हींग बनाई जाती है| |
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इसके लिए कच्ची हींग को इकट्ठा करके चमड़े की पेटियों में भरकर मिट्टी में गाड़ देते हैं| इसमें तालाब की मिट्टी बहुत उपयोगी होती है| कुछ दिनों बाद हींग में रासयनिक क्रिया होती है जो उसे मटमैली, पीली, लाल, श्यामवर्ण, सफेद तथा स्वादिष्ट बना देती है| यही हींग अधिकांशत: उपयोग में लाई जाती है| अफगानिस्तान में हींग बहुतायत में तैयार की जाती है| पकी हुई हींग इतनी खुशबूदार होती है कि खुलते ही उसकी खुशबू दूर-दूर तक फैल जाती है| 1. पेट का दर्द हींग को पानी में घोलकर पेट पर लेप करने से पेट का दर्द फौरन रुक जाता है| 2. वायु विकार 1 ग्राम हींग खाकर ऊपर से पानी पीने पर पेट में रुकी वायु निकल जाती है और पेट की आंतें मुलायम हो जाती है| 3. सिर दर्द यदि ठंड से सिर में दर्द हो तो हींग को पानी में घोलकर माथे पर लेप लगाएं| कुछ ही देर में दर्द रुक जाएगा| 4. अपच हींग, छोटी हर्र, सेंधा नमक, अजवायन तथा कालीमिर्च – सब बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें| इसमें से एक चम्मच चूर्ण भोजन के बाद गरम पानी से सेवन करें| अपच की शिकायत दूर हो जाएगी| 5. पेट के कीड़े पेट में कीड़े प्राय: छोटे बच्चों को हो जाते हैं| इसके लिए हींग को पानी में घोलकर बच्चे को चटाएं तथा गुदा में लगाएं| कृमि नष्ट हो जाएंगे| 6. दांत का दर्द रुई की फुरेरी को हींग के पानी में भिगोकर दांतों तथा मसूड़ों में लगाने से दांतों का दर्द रुक जाता है| 7. शीतपित्त हींग को घी में मिलाकर शीतपित्त पर लगाने से रोगी को काफी लाभ होता है| 8. जुकाम पानी में थोड़ी-सी हींग डालकर उसे अच्छी तरह घोल लें| अब इसे बार-बार सूंघने से नाक तथा माथे में जमा श्लेष्मा बहकर निकल जाता है| 9. आवाज में विकार तेल बोलने, ठंडे के बाद गरम या गरम के बाद ठंडी चीजें खा लेने के कारण कंठ से साफ आवाज नहीं निकल पाती| इसका उपाय यह है कि एक चुटकी हींग गरम पानी में अच्छी तरह घोलकर उससे गरारे करें| 10. प्रसव का कष्ट जरा-सी हींग पुराने घी के साथ खाने से प्रसव का कष्ट कम हो जाता है| 11. हृदय की दुर्बलता सुबह-शाम हींग को गुड़ में रखकर लगभग 20 दिनों तक खाने से हृदय की कमजोरी दूर हो जाती है| 12. हिस्टीरिया यदि किसी युवती को हिस्टीरिया का दौरा पड़ जाए तो उसे हींग का चूरा सुंघाना चाहिए| थोड़ी देर में युवती का होश आ जाएगा| 13. पसली का दर्द सर्दी लग जाने के कारण प्राय: बच्चों की पसलियां चलने लगती हैं तथा उनमें पीड़ा भी होती है| ऐसी हालत में थोड़ी-सी हींग पानी में घोलकर पसलियों पर मलनी चाहिए| |