दाद के घरेलु उपचार |
दाद छूत का रोग है| यह रोगी व्यक्ति के कपड़ों तथा वस्तुओं को छूने मात्र से ही हो जाता है| यह शुरू में धीरे-धीरे लेकिन कुछ दिनों बाद बड़ी तेजी से फैलता है| |
![]() |
1. गुलकंद, गुलाब और दूध गुलकंद या गुलाब के फूलों को बताशे में मिलाकर दूध के साथ पी जाएं| 2. पपीता कच्चे पपीते का दूध दाद के लिए रामबाण है| 3. नौसादर और नीबू थोड़ा-सा नौसादर पीसकर उसमें नीबू मिला लें| इसके बाद दाद पर कुछ दिनों तक नित्य लगाएं| 4. गुलाब और नीबू गुलाब के फूलों के अर्क में नीबू का रस मिलाकर लगाने से कुछ दिनों में दाद ठीक हो जाता है| 5. सुहागा, जायफल और नीबू सुहागा, जायफल व गंधक – तीनों पीसकर नीबू के रस में मिलाकर लगाएं| 6. लहसुन लहसुन के रस को दाद पर लगाने से काफी लाभ होता है| 7. अनार पुराने दाद पर अनार के पत्तों को पीसकर लगाएं| 8. अमलतास अमलतास के पत्तों को पीसकर दाद पर लेप करने से कुछ दिनों के भीतर दाद चला जाता है| 9. बबूल बबूल के फूलों को सिरके में पीसकर दाद पर लगाएं| 10. करेला करेले का रस दाद पर लगाने से दाद चला जाता है| 11. चाय चाय की पत्तियों को दाद पर रगड़ना चाहिए| 12. कालीमिर्च और देशी घी कालीमिर्च को पीसकर देशी घी में मिलाकर दाद पर लगाएं| 13. मूली और गंधक मूली के बीज पीसकर गंधक के घोल में मिलाकर दाद पर लगाएं| दाद का कारण दाद की उत्पत्ति एक तरह की फफूंदी के कारण मानी गई है| इस रोग के रोगाणु रोमकूपों के भीतर प्रवेश करके चरम को प्रभावित करते हैं| यह पैरों, हाथों, कुहनी, जांघ तथा दाढ़ी में बड़ी जल्दी फैलता है| दाद की पहचान शुरू में यह छोटे से चकत्ते के रूप में दिखाई देता है| इसका रंग लाल होता है| लेकिन धीरे-धीरे यह मटमैला हो जाता है| इसमें खुजली होती है| खुजली के बाद जलन भी पड़ती है| |