तिल के स्वास्थ्य लाभ |
तिल का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है। तिल का हमारे खान-पान में बहुत महत्व है। सर्दियों में तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। तिल के बीज छोटे पीले भूरे रंग के बीज हैं जो कि मुख्य रूप से अफ्रीका में पाए जाते हैं, लेकिन वे भारतीय उपमहाद्वीप पर भी कम संख्या में उगाए जाते हैं। |
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1. शक्तिवर्धक तिलों में प्रोटीन मिलता है| मस्तिष्क की बनावट लैसीथीन द्रव्य से होती है| यह तिलों में अधिक मिलता है| इससे मस्तिष्क के स्नायु एवं मांसपेशियां शक्तिशाली होती हैं| तिलों में विटामिन बी-काम्पलैक्स भी बहुत होता है| तिल और गुड़ समान मात्रा में मिलकर लड्डू बना लें| एक लड्डू नित्य प्रात: व शाम को खाकर दूध पिएं| इससे शक्ति मिलती है, मानसिक दुर्बलता एवं तनाव दूर होते हैं| कठीन शारीरिक श्रम करने पर सांस नहीं फूलता| जल्दी बुढ़ापा आने को तिल रोकता है| 2. मूत्र की अधिकता (बार-बार पेशाब, बिस्तर में पेशाब) 50 ग्राम काले तिल, 25 ग्राम अजवाईन, 100 ग्राम गुड़ में मिला लें| इसे 8 ग्राम सुबह-शाम दो बार नित्य खाते रहने से बार-बार पेशाब जाना एवं बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बन्द हो जाएगा| 3. बालों की समस्या जिनके बाल सफेद हो गए हों, बाल झड़ते हों, गंजापन हो| यदि वे नित्य तिल खाने लगें तो उनके बाल लम्बे, मुलायम और काले हो जाएंगे| 4. खूनी बवासीर बवासीर (रक्तस्त्रावी) 50 ग्राम काले तिल इतने पानी में भिगोएं कि उस पानी को तिल ही सोख लें| आधा घंटा पानी में भिगोकर पीस लें| इनमें एक चम्मच मक्खन, दो चम्मच पिसी हुई मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दो बार खाएं| बवासीर से रक्त गिरना बन्द हो जाएगा| 5. कैलशियम शरीर को जितने कैलशियम की प्रतिदिन आवश्यकता है, उतना 50 ग्राम तिलों में मिल जाता है| 6. रुक्षता तिल के तेल की मालिश करने से शरीर की रुक्षता मिट जाती है| 7. कब्जियत 62 ग्राम तिल कूटकर मीठा मिलाकर खाने से कब्ज दूर होता है| तिल, चावल और मूंग की दाल की खिचड़ी भी कब्ज को दूर करती है| 8. अर्श 60 ग्राम काले तिल खाकर ऊपर से ठंडा पानी पीने से बिना रक्त वाले अर्श ठीक हो जाते हैं| दही के साथ सेवन करने से रक्त भी बन्द हो जाता है| नियमित रूप-से काले तिल का तेल अर्श पर लगाने से लाभ होता है| बवासीर के रोगी को कब्ज के लिए नित्य प्रात: काले तिल, मक्खन, मिश्री प्रत्येक एक चम्मच एक साथ मिलाकर नित्य खाना चाहिए| यदि बवासीर से रक्त गिरता हो तो यह नित्य तीन बार खाने से लाभ होता है| 9. बिवाई फटना देशी पीला मोम पंसारी के मिलता है| मोम का एक भाग, तिल का तेल चार भाग मिलाकर गर्म करके मरहम बना लें| इसे बिवाइयों पर लगाने से लाभ होता है| 10. अल्प मासिक धर्म (अल्परज, रजोलोप) आठ चम्मच तिल, एक गिलास पानी, इसमें स्वाद के अनुसार गुड़ या 10 काली मिर्च पिसी हुई मिलाकर उबालें| आधा पानी रहने पर दो बार नित्य पियें| यह मासिक धर्म आने के 15 दिन पहले से मासिक स्त्राव काल तक पीती रहें| इससे मासिक धर्म खुलकर पर्याप्त मात्रा में साफ आएगा| 11. मोच तिल की खल पीसकर, पानी डालकर गर्म करें और गर्म-गर्म ही मोच पर बांधें| दर्द में लाभ होगा| 12. वात रोग तिल के तेल की मालिश करने से वात रोग में लाभ होता है| 13. मूत्र की अधिकता सुबह, शाम तिल का लड्डू खाने से अधिक पेशाब आना बन्द हो जाता है| 14. निरोगावस्था रोग-निरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए सर्दी में एक-दो माह दो चम्मच तिल नित्य चबाएं या लड्डू खाएं| तिल के तेल की मालिश करें, इससे निरोगी बने रहेंगे| 15. दांतों की सुरक्षा 62 ग्राम काले तिल सुबह दांतुन के बाद बिना कुछ खाए-पिए धीरे-धीरे खूब चबाकर खाएं| इसमें गुड़, चीनी कुछ भी न मिलाएं| ऊपर से एक गिलास ठंडा पानी पिएं| चाहें तो रात को भी इस तरह तिल खा सकते हैं| इस प्रयोग से दांत मजबूत होंगे| कंचननुमा बनेगी| 16. खांसी यदि सर्दी लगकर सूखी खांसी हो गई हो तो चार चम्मच तिल और इतनी ही मिश्री मिलाकर एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाये| फिर इसे पी जाएं और इसे नित्य तीन बार पिएं| 17. जलना तिलों को पानी में चटनी की तरह पीसकर जले हुए पर मोटा लेप करें| लाभ होगा| 18. रूसी, सीकरी बालों में तिल के तेल की मालिश करें| मालिश के आधे घंटे बाद एक तौलिया गर्म पानी में डुबोकर व निचोड़कर सिर पर लपेट लें, ठंडा होने पर पुन: गर्म पानी में डुबोकर व निचोड़कर सिर पर लपेट लें| इस प्रकार पांच मिनट गर्म तौलिया लपेटे रखें, फिर ठंडे पानी से सिर धो लें| बालों की रूसी दूर हो जाएगी| |