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एलोवेरा के फायदे



जुकाम लगने से आँखों की भौंहों पर दर्द होना प्रदाह का लक्षण है। विवर-प्रदाह होने पर दो सप्ताह तक लहसुन और शहद अच्छी मात्रा में खायें, फिर धीरे-धीरे इनका सेवन कम करते जायें। माथे और नाक नथुनों के दोनों ओर एलोवेरा के रस को गर्म करके लगायें। नाक में रोजाना तीन बार ग्वारपाठे का रस निचौड़कर लगायें। पानी का भगोना भरकर उसमें थोड़ा-सा एलोवेरा के रस और युक्लिप्टस लोशन डालकर गर्म करें और उसकी भाप को नाक से अन्दर खींचें।
चेहरा धोकर ग्वारपाठे का रस मलें। फिर एक घंटे बाद धोयें। त्वचा रूखी होने पर नारियल के तेल में एलोवेरा के रस को मिलाकर लगायें। ऐलोवेरा क्रीम भी लगा सकते हैं।
एलोवेरा के गूदे, रस से चेहरा रगड़कर साफ करने से चेहरा कोमल, लचीला और आकर्षक हो जाता है। एलोवेरा के पोषक तत्व मृत कोशों को हटाकर नये कोश पैदा कर देते हैं। इस प्रकार त्वचा सुन्दर बन जाती है।
खाँसी-आधा चम्मच गर्म घी में दो चम्मच एलोवेरा का गूदा मिलाकर भूनकर शहद के साथ दिन में तीन बार खाएँ। तीन-चार दिन में ही खाँसी, जुकाम से राहत मिल जाएगी।
फोड़ा पकने के निकट हो तो एलोवेरा के गूदे को गर्म करके बाँधने से फोड़े की मवाद निकल कर, घाव जल्दी भर जाता है।
गाँठों की सूजन पर भी एलोवेरा के पत्ते को एक ओर से छीलकर तथा उस पर थोड़ा हल्दी पाउडर बुरककर तथा कुछ गरम करके बाँधने से लाभ होता है।