शारीरिक कमजोरी दूर करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय -
- अनार खून का शुद्धिकरण करता है। शरीर में रक्तसंचार सुव्यवस्थित चलता रखने के लिए भी अनार का सेवन करना चाहिए। मटर के दाने खाने से शरीर में मांस और खून खून की वृद्धि होती है। मूंगफली खाने से भी शरीर में चरबी बढ़ती है और ताकत भी आती है।
- नारियेल खाने से भी शरीर मोटा होता है। नारियेल शक्तिवर्धक भी होता है। नारियेल का सेवन करने से बाल भी मज़बूत और घने काले बनते हैं। दिन में एक या दो बार तीस से पचास ग्राम नारियल खाना चाहिये।
- रोज़ाना घी खाने से भी वज़न बढ़ता है। चीनी और घी को मिश्रित कर के उसका सेवन करना चाहिए।
- गन्ना खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है। पेट की गरमी दूर होती है। शरीर को शक्ति मिलती है। तथा शरीर तगड़ा बनता है।
- जायफल तथा जावित्री दोनों को दस-दस ग्राम ले कर उसमे अश्वगंधा पचास ग्राम मिला लें। इस मिश्रण को प्रति दिन दो बार एक एक चम्मच दूध के साथ लेने पर शरीर में ताकत आती है और खून भी बढ़ता है।
- दो ग्राम विधारा का चूर्ण शक्कर (मिश्री) मिले ताज़े दूध के साथ प्रति दिन दो बार लेने से शरीर की कमजोरी नाश होती है।
- कपूर, बास, बादाम और इलायची के दाने, इन सभी वस्तु ओं को पचास-पचास ग्राम भिगो कर छान लें। और फिर पचास ग्राम पिस्ते के साथ इस इन सब को बारीक पीस कर दो लीटर दूध में हल्की आंच पर पका लें। गाढ़ा हलवे जैसा मिक्स तैयार होने पर उसमे बीस ग्राम चाँदी का वर्क मिला लें। इस तैयार किए हुए पदार्थ को प्रति दिन दस से पंद्रह ग्राम सेवन करें। इस उपचार से शरीर रुष्ट-पुष्ट बन जाएगा और नेत्रों की रोशनी भी बढ़ेगी।
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