तुलसी के घरेलू नुस्खे |
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बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के पांच पत्ते खाने से मौसमी बुखार व जुकाम जैसे संभावनाएं दूर रहती है। तुलसी की कुछ पत्तियो के चबाने से मुँह का संक्रमण दूर हो जाता है, मुंह के छाले दूर होते है व दांत भी स्वस्थ रहते है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में रोजाना तुलसी खाने और तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनो मे रोग दूर हो जाता है। तुलसी की जड़ का काढ़ा ज्वर (बुखार) नाशक होता है। तुलसी, अदरक और मुलेठी को घोटकर शहद के साथ लेने से सर्दी के बुखार में आराम होता है। मासिक धर्म के दौरान कमर मे दर्द हो रहा है तो एक चम्मच तुलसी का रस ले। इसके अलावा तुलसी के पत्ते चबाने से भी मासिक धर्म नियमित रहता है। सिर का भारी होना, पाइनस, माथे का दर्द, आधाशीशी, मिर्गी, नासिका रोग, केरमी रोग तुलसी से दूर होते हैं। सांस रोग में तुलसी के पत्ते काले नमक के साथ सुपारी की तरह मुँह से रखने से आराम मिलता है। तुलसी की हरी पत्तियों को आग पर सेंक कर नमक के साथ खाने से खाँसी तथा गला बैठना ठीक हो जाता है। खांसी – जुकाम में तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च से तय्यार की हुई चाय से तुरंत लाभ पहुँचता है। तुलसी दमा टीबी मैं बहुत लाभकारी हैं. तुलसी के नियमित सेवन से दमा, टीबी नहीं होती हैं क्यूकी यह बीमारी के जिम्मेदारी कारक जीवाणु को बढ़ने से रोकती है। चरक संहिता में तुलसी को दमा की औषधि बताया गया हैं। तुलसी और अदरक का रस एक चमच, शहद, मुलेठी का चूरन एक चम्मच मिलाकर सुबह शाम चाटे, यह खांसी की अचूक दवा है। |