खून की खराबी के घरेलु उपचार |
खून की खराबी अर्थात् रक्त विकार एक घातक रोग है| यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो कष्टदायी चर्म रोग घेर लेते हैं| इनसे व्यक्ति के मन में हीन भावना उत्पन्न हो जाती है| इस रोग में छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले मिर्च, चाय, अचार, तेल, खटाई आदि का प्रयोग बंद कर देना चाहिए, तभी कोई उपचार कारगर सिद्ध होता है| |
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1. पानी और हरड़ रात को गरम पानी के साथ दो हरड़ का चूर्ण लें| 2. त्रिफला और पानी दिन में दो बार एक-एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से लें| 3. नीम, उसवा, शहद और कुटकी नीम की छाल, उसवा और कुटकी – इन तीनों का चूर्ण 3-3 ग्राम दिन में दो बार शहद के साथ चाटें| 4. चोपचीनी, मंजीठ, दूध और गिलोय चोपचीनी, मंजीठ और गिलोय का चूर्ण 3-3 ग्राम फांककर ऊपर से एक गिलास दूध पी लें| 5. सौंफ, गावजबां, गुलाब, मुलहठी, पानी और मिश्री सौंफ, गावजबां, गुलाब के फूल तथा मुलहठी – सब 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर दो कप पानी डालकर आग पर रख दें| जब पानी जलकर आधा रह जाए तो छानकर उसमें मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें| इससे पेट साफ हो जाएगा और साफ खून बनने की क्रिया शुरू हो जाएगी| 6. लौकी लौकी की सब्जी बगैर नमक के उबली हुई खाने से भी खून की खराबी दूर होती है| 7. गुलकंद और दूध 10 ग्राम गुलकंद का सेवन दूध के साथ करें| 8. नीम और कपूर नीम की छाल को पानी में घिस लें| फिर उसमें कपूर मिलाकर शरीर के रोगग्रस्त भाग पर लगाएं| 9. गोमूत्र शरीर पर गोमूत्र मलकर थोड़ी देर तक यों ही बैठे रहें| फिर स्नान कर लें| गोमूत्र त्वचा रोगों के लिए बहुत लाभकारी है| 10. सरसों और लाल मिर्च खून की खराबी दूर करने के लिए सरसों के तेल में लाल मिर्च को पीसकर डालें| फिर यथास्थान लगाएं| 11. अंजीर और घी अंजीर के पत्तों को पीसकर घी में मिला लें| स्नान से पूर्व शरीर पर इसकी मालिश करें| 12. फिटकिरी चर्म रोग वाले स्थान को दिन में तीन-चार बार फिटकिरी के पानी से धोना चाहिए| 13. पपीता कच्चे पपीते का रस दो चम्मच सुबह के समय सेवन करें| 14. करेला करेले का रस एक-एक चम्मच सुबह-शाम सेवन करें| 15. मूंगफली शरीर पर मूंगफली के तेल की मालिश करें| 16. लहसुन और पानी पानी में लहसुन का रस दो चम्मच की मात्रा में मिलाकर पिएं| 17. गोबर गोबर को निचोड़कर उसके पानी से शरीर की मालिश करें| खून की खराबी का कारण समय में भोजन न करने, मिर्च-मसालों का अधिक प्रयोग, प्रकृति के विरुद्ध भोजन जैसे-मछली-दूध, केला-करेला, दही-नीबू, दही-शहद, शहद-नीबू आदि का सेवन, नाड़ी की दुर्बलता, कब्ज, अजीर्ण आदि कारणों से खून में खराबी पैदा हो जाती है| खून की खराबी की पहचान खून खराब होने पर तरह-तरह के चर्म रोग हो जाते हैं| त्वचा के ददोरे, फोड़े-फुन्सी, दाद-खाज, खुजली आदि अनेक रोग बन जाते हैं| त्वचा में खुजली होती है| चकत्ते पड़ जाते हैं| खून नीला-सा दिखाई देने लगता है| पेट साफ नहीं रहता| खांसी एवं वायु रोग का प्रकोप हो जाता है| |