चक्कर आने के घरेलु उपचार |
चक्कर आने को हम रोग मान बैठे हैं, किन्तु यह रोग न होकर मस्तिष्क की व्याधि है| जब कभी दिमाग में खून की मात्रा पूर्ण रूप से नहीं पहुंचती तो दिमाग की नसें शिथिल पड़ जाती हैं| यही शिथिलता चक्कर लाती है| चक्कर कुछ देर तक रहता है| कभी-कभी कमरे में अधिक देर तक रहने, घुटन भरे वातावरण में ठहरने, बहती नदी के देर तक देखने से भी चक्कर आने लगते हैं| |
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1. दूध, घी, मिश्री और तुलसी एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी, एक चम्मच पिसी मिश्री तथा तुलसी की चार पत्तियां डालकर पी जाएं| चक्कर आना बंद हो जाएगा| 2. खरबूजा और घी खरबूजे के बीज को घी में भून लें| फिर इनको पीसकर 6 ग्राम से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें| 3. कालीमिर्च, शक्कर, घी और दूध 10 ग्राम कालीमिर्च को 250 ग्राम शक्कर में मिलाकर देशी घी में भूनकर कतली जमा लें| फिर 5 ग्राम की एक कतली सुबह दूध के साथ सेवन करें| 4. गेहूं और कालीमिर्च गेहूं के 10 ग्राम चोकर में कालीमिर्च के चार दाने पीसकर मिलाएं| फिर इसका काढ़ा बनाकर सेवन करें| 5. तुलसी, कालीमिर्च और जौ तुलसी, कालीमिर्च तथा जौ – तीनों का काढ़ा बनाकर पीने से सिर के चक्कर जाते रहते हैं| 6. मुन्नका और नमक मुनक्के के कुछ दाने तवे पर भूनकर उनमें नमक लगाकर चबा-चबाकर कुछ दिनों तक खाएं| 7. सौंफ, खांड़ और पानी 10 ग्राम सौंफ का चूर्ण 250 ग्राम खांड़ में मिलाकर रख लें| इसमें से दो चम्मच चूर्ण खाकर पानी पी लें| 8. पानी और नीबू यदि पेट में अधिक गैस (वायु) बनने के कारण सिर में चक्कर आ रहे हों तो गुनगुने पानी में आधा नीबू तथा एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर पी जाएं| चक्कर आने बंद हो जाएंगे| 9. हल्दी और पानी पिसी हुई हल्दी पानी में मिलाकर माथे पर लेप करने से मस्तिष्क के चक्कर दूर हो जाते हैं| 10. पानी, मुन्नका और शहद धूप में थोड़ा-सा पानी रखकर उसमें 10-15 मुनक्के डाल दें| तीन-चार घंटे में पानी गरम हो जाएगा और मुनक्के की पकौड़ी बन जाएगी| अब मुनक्कों को पानी में मथकर जरा-सा शहद डालकर शरबत पी जाएं| 11. सोंठ और घी 10 ग्राम पिसी सोंठ को घी में मिलाकर सेवन करने से भी चक्कर आने बंद हो जाते हैं| 12. बादाम, पिस्ता, इलायची और दूध दो बादाम, चार दाने पिस्ते तथा दो दाना सफेद इलायची – सबको आधा किलो दूध में औटाकर पिएं| 13. बादाम, पिस्ता और इलायची बादाम, पिस्ते, इलायची आदि कुचलकर खाएं| चक्कर आने का कारण चक्कर आने का मुख्य कारण मस्तिष्क की कमजोरी है| इसके अलावा रक्तचाप में अचानक कमी आने से भी सिर घूमने लगता है| अजीर्ण, खून की कमी, स्त्री से अधिक मैथुन करना, स्त्रियों को मासिक धर्म खुलकर न होना आदि कमियों के कारण भी चक्कर आने लगते हैं| कभी-कभी अधिक शारीरिक मेहनत करने से मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है और चक्कर आ जाता है| चक्कर आने की पहचान शुरू में सिर घूमता है और फिर थोड़ी देर बाद चक्कर आने बंद हो जाते हैं| जो लोग दूषित वातावरण में रहते हैं या जिनका शरीर बहुत कमजोर होता है, उन्हें थोड़ा-सा कम करने के बाद भी चक्कर आने लगते हैं| कुछ लोग एक स्थान पर देर तक खड़े नहीं रह पाते| उनको चक्कर आने लगते हैं और वे वहीं गिर पड़ते हैं| तेज धूप, कड़ाके की ठंड या अधिक पसीना आने पर भी चक्कर आ जाते हैं| इसमें आंखों के सामने अंधेरा, चारों तरफ की चीजें घूमती हुई और मन में एक प्रकार की सुस्ती-सी मालूम पड़ती है| कई बार चक्कर खाकर गिर पड़ने के बाद व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है| |