नारंगी के स्वास्थ्य लाभ |
नारंगी एक फल है। नारंगी को हाथ से छीलने के बाद पेशीयोँ को अलग कर के चूसकर खाया जा सकता है। नारंगी का रस निकालकर पीया जा सकता है। और शरीर को भरपूर शक्ति मिलती है। इसके सेवन से न केवल पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है बल्कि बॉडी में उत्साह और स्फूर्ति का संचार होता है। |
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1. पित्त पित्त-रोगों में जब छाती में जलन, बेचैनी, उलटी की शंका अथवा उलटी का होना, खट्टी डकारें आदि से रोगी परेशान रहता है, तब संतरे का रस या नारंगी का रस, भुना हुआ जीरा नमक और काली मिर्च मिलाकर सेवन करना तुरंत फलदायी होता है| 2. सर्दी, खांसी एवं जुकाम सर्दी लगी हो या सर्दी के कारण खांसी की अधिकता हो, तो हलके गुनगुने पानी में नारंगी क रस मिलाकर पीने से तुरंत लाभ होता है| जुकाम और खांसी होने पर नारंगी के रस का एक गिलास नित्य पीने से लाभ होगा| स्वाद के लिए नमक या मिश्री भी मिला सकते हैं| छोटे बच्चों को नियमित रूप-से मीठी नारंगी का रस पिलाते रहने से सर्दी के मौसम का कोई रोग नहीं होता| वो सर्दी, जुकाम और खांसी से भी बचे रहते हैं| दूध पीते बच्चों को इससे शक्ति मिलती है| 3. बलवर्धक बच्चे को जितना दूध पिलाएं, उसमें उस दूध का एक भाग मीठी नारंगी का रस मिलाकर पिलाएं| बच्चों का यह पौष्टिक पेय साबित होता है| इससे बच्चों के शरीर का विकास होता है तथा उनका भार भी बढ़ता है| बच्चों को नारंगी का रस पिलाते रहने से वो थोड़े ही समय में हृष्ट-पुष्ट हो जाते हैं तथा उनके शरीर का विकास भी बड़ी तीव्रता से होता है| हड्डियों की दुर्बलता तथा उनका टेढ़ापन भी दूर हो जाता है| बच्चे शीघ्र चलने-फिरने लगते हैं| दूध पीने वाले बच्चों को तो मीठी नारंगी का रस अवश्य ही पिलाना चाहिए| नारंगी के रस से सूखा रोग से पीड़ित बच्चे भी शीघ्र मोटे-ताजे हो जाते हैं| इसका रस आंतों की गति को भी तीव्र करता है| 4. शक्तिवर्धक जो स्त्री या पुरुष बहुत ही दुबले-पतले और कमजोर हैं, उन्हें चार सप्ताह तक दिन में दो बार नारंगी का रस अवश्य पीना चाहिए| इससे शरीर में शक्ति आ जाती है| 5. कब्ज सुबह के नाश्ते में नारंगी का रस कुछ दिनों तक नित्य पीते रहने से कब्ज दूर हो जाता है| मल अपने प्राकृतिक रूप में आने लगता है| इससे पाचन-शक्ति भी बढ़ती है| 6. दूध से वायु जिन्हें दूध पीने से वायु बनती हो, उन्हें कुछ दिन तक दूध में थोड़ा-सा नारंगी का रस मिलाकर पीना चाहिए| 7. वायु (गैस) नारंगी के सेवन से यकृत का रोग ठीक हो जाता है| गैस (वायु) या किसी भी कारण से जिनका पेट फूलता हो, भारी रहता हो, अपच हो; उनके लिए नारंगी का सेवन लाभकारी है| प्रात: एक गिलास नारंगी का रस पीने से आंतें साफ हो जाती हैं, जिससे कब्ज नहीं रहता है| 8. भूख न लगना नारंगी की फांकों पर पिसी हुई सोंठ तथा काला नमक डालकर खाएं| एक सप्ताह में ही भूख खुलकर लगने लगेगी| प्रात:काल भूखे पेट दो नारंगी नित्य खाने से भी भूख अच्छी लगती है| यदि पेट में किसी तरह की कोई गड़बड़ हो, तो वो ठीक हो जाती है| 9. बच्चों के दस्त दूध में नारंगी का रस मिलाकर पिलाने से बच्चों के दस्त बंद हो जाते हैं| 10. यात्रा बस आदि में सफर करने से जिनका जी मितलाता हो अथवा उल्टियां लग जाती हों, तो उन्हें यात्रा के दौरान नारंगी के रस को सिप करते रहने चाहिए| इससे न उल्टियां लगेंगी और न ही जी खराब होगा| 11. प्यास जिन्हें प्यास अधिक सताती हो, उन्हें नारंगी का सेवन करना चाहिए| नारंगी के रस का भी प्रयोग किया जा सकता है| 12. रक्तशोधक नारंगी रक्त की सफाई करने में अव्दितीय है| 13. घाव नारंगी खाने से चोट आदि के घाव शीघ्र भर जाते हैं| 14. स्नायु-रोग नारंगी अथवा नारंगी का रस स्नायु-मंडल को उद्दीप्त करता है, जिससे कब्ज दूर होता है| स्नायु-रोग से पीड़ित एवं स्नायु तनाव ग्रस्त रोगियों के लिए नारंगी लाभदायक है| 15. कामला कामला (पीलिया) में नारंगी का सेवन लाभ पहुंचाता है| 16. अल्सर पेट में घाव, व्रण, नासूर आदि हो, तो नारंगी का सेवन लाभकारी रहता है| 17. मधुमेह यदि किसी को मधुमेह की शिकायत हो, तो उसे नारंगी का सेवन नहीं करना चाहिए अथवा बहुत ही अल्प मात्रा में करना चाहिए| 18. मुंहासे नारंगी के सूखे छिलके पीसकर चेहरे पर मलने से मुंहासे कुछ ही दिन में दूर हो जाते हैं| 19. वक्षरोग श्वास, दम, टी.बी. आदि के अतिरिक्त हृदय तथा छाती के समस्त रोगों में भी नारंगी बहुत हितकर है| इसे लंबे समय तक प्रयोग करना चाहिए| 20. मलेरिया दो नारंगी के छिलके दो कप पानी में उबालें और आधा पानी शेष रह जाने पर, छानकर गुनगुना पिएं| 21. चेचक के दाग नारंगी के छिलके सुखाकर बारीक पीस लें| इसके चार चम्मच में गुलाबजल मिलाकर, पेस्ट-सा बनाएं और रोजाना चेहरे पर अच्छी तरह से मलें| कुछ ही दिनों में चेचक के गहरे दाग भी हलके पड़ने शुरू हो जाएंगे| 22. गुर्दे सुबह के नाश्ते से पहले एक बड़ी या दो छोटी मीठी नारंगी खाकर ऊपर से नारंगी का ही रस पीने से अथवा नारंगी खाकर गुनगुना पानी पीने से गुर्दे के सभी रोग दूर हो जाते हैं| अथवा गुर्दे के रोगों से बचाव होता है| नारंगी गुर्दों को स्वच्छ रखने में उपयोगी है| गुर्दों को स्वच्छ और स्वच्छ रखने के लिए उपरोक्त किसी का भी रस प्रात: भूखे पेट अवश्य लेना चाहिए| 23. इंफ्लुएंजा इस रोग के आक्रमण से बचाव हेतु नारंगी का सेवन करना चाहिए| फ्लू में भी नारंगी खाने से लाभ होता है| नारंगी खाने के बाद यदि पानी पीने की इच्छा हो, तो केवल गर्म पानी ही पीना चाहिए| 24. गर्भावस्था गर्भवती स्त्री को नित्य दो नारंगी दोपहर में पूरे गर्भकाल में खिलाते रहने से होने वाला शिशु सुंदर होता है| 25. मद्य नारंगी खाने अथवा नारंगी का रस पीने से भी मद्य पीने की इच्छा स्वयं ही हट जाती है| 26. पायोरिया नारंगी के छिलकों को छाया में सुधाकर पीस लें और फिर छानकर इससे मंजन करें| यह पायोरिया में लाभकारी है| 27. टाइफाइड नारंगी का रस गर्मी, ज्वर और अशांति दूर करता है| रोगी को दूध में नारंगी का रस मिलाकर पिलाएं या दूध पिलाकर नारंगी खिलाएं| दिन में तीन-बार नारंगी खिलानी चाहिए| |