आम के स्वास्थ्य लाभ |
आम फलों का राजा यूं ही नहीं कहलाता है। ये भारत का राष्ट्रीय फल है। आम के जितने भी फायदे गिनाए जाए कम है। यहां पर आम के कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं। |
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1. वात व पित्त कच्चा आम अर्थात आमियां कसैली, खट्टी, रुचिकारक, वात और पित्त को करने वाली है| बड़ा और बिना पका आम खट्टा रूखा, त्रिदोष और खून को साफ करने वाला होता है| 2. वीर्यवर्धक मीठा आम वीर्यवर्धक, चिकना, बलकारी, सुखदायक, हृदय को सुखकर, वर्ण को उत्तम करने वाला और शीतल है; पित्तकारक नहीं है| कसैले रस वाला आम कफ, अग्नि और वीर्य को बढ़ाता है| यही आम दरख्त पर पका हो, तो भारी, वातनाशक, मीठा, खट्टा और कुछ-कुछ पित्त को कुपित करता है| 3. कृषि आम की गुठली का चूर्ण गर्म पानी के साथ चौथाई चम्मच देने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं| 4. दस्त आम की गुठली को खूब पीसकर, नाभि पर गाढ़ा लेप करने से सब प्रकार के दस्त बंद हो जाते हैं| आम की गुठली को सेंक कर, नमक लगाकर प्रतिदिन खाने से पेट को शक्ति मिलती है और दस्तों को आराम होता है| एकेक गुठली नित्य दो बार खाएं| 5. दस्त और बवासीर आम का मीठा रस आधा कप, मीठा दही पच्चीस ग्राम और एक ग्राम अदरक का रस; इन सबको मिलाकर पिएं| ऐसी एक मात्रा दिन में तीन बार पिएं| इससे पुराने दस्त, दस्तों में अपच के कण निकलना और बवासीर ठीक होती है| 6. पेचिश दस्त में रक्त आने पर आम की गुठली पीसकर, छानकर और छाछ में मिलाकर पीने से लाभ होता है| आम के पत्तों को छाया में सुखाकर, पीसकर कपड़छन कर लें| नित्य तीन बार आधा चम्मच की फंकी गर्म पानी से लें| लाभ होगा| 7. पाचनकारक रेशेदार आम अधिक सुपाच्य, गुणकारी और कब्ज को दूर करने वाला होता है| आम चूसने के बाद दूध पीने से आंतों को बल मिलता है| आम पेट साफ करता है| इसमें पोषक और रोचक दोनों गुण विद्यमान हैं| यह यकृत की निर्बलता तथा रक्ताल्पता को ठीक करता है| 70 ग्राम मीठे आम का रस, दो ग्राम सौंठ में मिलाकर प्रात: पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है| 8. तिल्ली की सूजन 70 ग्राम आम क रस, 15 ग्राम शहद में मिलाकर नित्य प्रात: तीन सप्ताह पीने से तिल्ली की सूजन और घाव में लाभ होता है| इसके प्रयोगकाल में खटाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए| 9. सूखा रोग एक चम्मच अमचूर को भिगोकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर बच्चे को नित्य दो बार चटाने से कुछ ही दिनों में सूखा रोग दूर हो जाता है| 10. मधुमेह आम और जामुन का रस समान मात्रा में मिलाकर कुछ दिनों तक नित्य पीने से मधुमेह (डायबिटीज) का रोग ठीक हो जाता है| 11. मस्तिष्क की कमजोरी आम का रस एक कप, चौथाई कप दूध, एक चम्मच अदरक क रस, स्वादानुसार चीनी; सबको मिलाकर एक बार रोजाना पिएं| मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने में यह अव्दितीय है| मस्तिष्क की कमजोरी के कारण सिर-दर्द, आंखों के आगे अंधेरा आना आदि दूर होता है| शरीर सदैव स्वस्थ रहता है| हृदय और यकृत को विशेष शक्ति मिलती है| यह रक्त-शोधक भी है| 12. शक्तिवर्धक आम के सेवन से रक्त की वृद्धि होती है| शरीर का भार बढ़ता है| मूत्र खुलकर आता है| शरीर में स्फूर्ति आती है| भोजन के बाद नित्य सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त शक्ति आ जाती है| 13. गुर्दे की दुर्बलता नित्य आम खाने से गुर्दों की दुर्बलता दूर होकर, उन्हें शक्ति मिलती है| 14. यक्ष्मा एक कप आम के रस में साठ ग्राम शहद मिलाकर सुबह, शाम नित्य दो बार पिएं| अथवा गाय के दूध के साथ तीन बार पिएं| एक महीने में ही यक्ष्मा (टी.बी.) का रोग दूर हो जाएगा| 15. अनिद्रा रात को भोजन के बाद आम खाकर ऊपर से दूध पीने से अनिद्रा दूर होती है| निद्रा अच्छी आती है| 16. मिट्टी खाना यदि किसी बच्चे को मिट्टी खाने की आदत हो, तो आम की गुठली ताजा पानी में घिसकर देना लाभदायक है| आम की गुठली को सेंक कर और सुपारी की भांति काटकर खिलाने से भी मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है| 17. पायोरिया आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से दांतों के सभी रोग दूर हो जाते हैं| 18. नपुंसकता अमचूर का सेवन करते रहने से नपुंसकता आ जाती है| इस रोग से बचाव हेतु आम से संबंधित वस्तुओं का सेवन न के बराबर करना चाहिए| 19. जलोदर नित्य तीन बार आम खाने से जलोदर दूर हो जाता है| 20. जलना आम के पत्तों को जलाकर, इसकी भस्म को जले भाग पर छिड़कने से जख्म शीघ्र भर जाता है| 21. पथरी आम के ताजा पत्ते छाया में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम चूर्ण नित्य प्रात: रात भर के रखे हुए बासी पानी के साथ फंकी लें| इससे पथरी का रोग दूर हो जाता है| 22. हैजा 25 ग्राम आम के नर्म पत्ते पीसकर एक गिलास पानी में उबालें| जब पानी आधा रह जाए, तो छान कर दो बार गुनगुना पिलाएं या पिएं; लाभ अवश्य होगा| 23. बिच्छू का डंक अमचूर और लहसुन समान मात्रा में पीसकर, दंश वाले स्थान पर लगाने से बिच्छू का विष उतर जाता है| 24. विषैले दंश चूहा, बंदर, पागल कुत्ता, मकड़ी, बिच्छू और ततैया आदि का विष दूर करने के लिए आम की गुठली का प्रयोग करना चाहिए| अर्थात् गुठली को घिसकर लगाने से दाह, बेदना आदि में आराम मिलता है| 25. हथेली की जलन आम की बौर हथेलियों पर रगड़ने से जलन मिट जाती है| 26. अंड-वृद्धि आम के पत्ते 25 ग्राम, दस ग्राम सैंधा नमक; दोनों को पीसकर, हल्का-सा गर्म करके लेप करने से अंड-वृद्धि रुक जाती है| 27. आंखों के रोग आम खाने से आंखों का लाल होना, रतौंधी आदि में आराम होता है| आंखों की खुजली दूर होती है| विशेष: किसी भी रोग का उपचार करते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि आम का प्रयोग कभी भी भूखे पेट नहीं करना चाहिए| 28. लू का प्रभाव यदि लू लग जाए, तो लू का प्रभाव दूर करने के लिए चार कच्चे आमों को उबालकर (या भूभल में रखकर गर्म करें) और बाहर निकालकर, उनका रस निकालें| इस रस में थोड़ा नमक, दो ग्राम जीरा, दो ग्राम पुदीना मिलाकर पीने से लू का प्रभाव मिट जाता है| उल्टियां भी तत्काल बंद हो जाती हैं| वैसे लू से बचने के लिए कच्चे आम के शर्बत को नित्य आठ ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार भी लिया जा सकता है| किन्तु पहला प्रयोग शीघ्र लाभ करता है| |