झुर्रियां के घरेलु उपचार |
शरीर तथा चेहरे पर झुर्रियां वृद्धावस्था में ही आती हैं| लेकिन जब यह झुर्रियां यौवनावस्था में पड़ने लगती हैं तो किसी रोग विशेष के आगमन अथवा प्रभाव तथा दुष्कर्मों की ओर इंगित करती हैं| |
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1. सरसों और कपूर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए| 2. सरसों सरसों या तिली के तेल में मधु मिलाकर अच्छी तरह पकाएं| फिर इसे ठंडा करके सारे शरीर पर मालिश करें| 3. दूध और तुलसी दूध में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर मालिश करें| 4. गोमूत्र और पानी सारे शरीर में गोमूत्र मलने के आधा घंटा बाद ताजे पानी से स्नान करें| 5. मक्खन और चिरौंजी मक्खन में चिरौंजी को पीसकर मिला लें| फिर इस पेस्ट को हाथ, पांव तथा मुंह पर मलें| 6. चने दैनिक व्यायाम करने के बाद भीगे हुए चने नमक के साथ सेवन करें| 7. बादाम, मुनक्का, कालीमिर्च और दूध दो बादाम, दो मुनक्का तथा चार दाने कालीमिर्च को पानी में चटनी की तरह पीसकर दूध के साथ सेवन करें| 8. टमाटर टमाटर का रस सारे शरीर पर मलने से झुर्रियां कम हो जाती हैं| 9. मसूर मसूर की दाल को लाल दवा में पीसकर मुंह पर लेप करें| 10. नीबू और देशी घी नीबू के छिलकों को पीसकर देशी घी में मिलाकर शरीर पर उबटन की तरह प्रतिदिन मलें| 11. संतरा संतरे के छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें| इन्हें बेसन के घोल में मिलाकर मुंह पर लगाएं| झुर्रियां का कारण छोटी उम्र में चेहरे तथा शरीर पर झुर्रियां पड़ने का मुख्य कारण आन्तरिक बीमारी है| यह हालत पचन क्रिया के ठीक न होने, रक्त, मांस, मत, हड्डी, मज्जा एवं वीर्य का उचित मात्रा में न बनने के कारण हो सकती है| कुछ लोग किशोरावस्था या युवावस्था में हस्तमैथुन, गुदामैथुन, पशुमैथुन आदि दुष्कर्म कर बैठते हैं जिसके कारण उनका शरीर कमजोर रह जाता है| यही कमजोरी त्वचा में भी दिखाई देती है| सारा शरीर झुर्रियों से भर जाता है| झुर्रियां की पहचान चेहरे तथा पैरों की खाल सिकुड़ जाती है| झुर्रियों में तेल, घी या किसी अन्य वस्तु की मालिश करने पर पीड़ा होती है| रोगी को हड़कन होती है| चेहरे पर शीघ्र ही बुढ़ापा मालूम पड़ने लगता है| |