कान दर्द के घरेलु उपचार |
कान में दर्द प्राय: बच्चों तथा प्रौढ़ों को हो जाता है| इस रोग में रोगी को बहुत तकलीफ होती है| कान में सूई छेदने की तरह रह-रहकर पीड़ा होती है| यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब कान के परदे या भीतरी भाग में कोई कीटाणु चला जाता है या ठंडी वायु का प्रकोप हो जाता है| इससे कान के परदे या भीतरी भाग पर सूजन आ जाती है| यही सूजन दर्द का कारण बनती है| कई बार बैठे-बैठे अचानक कान में दर्द होने लगता है| यह दर्द कान के भीतरी रक्त की रुकावट या परदे पर आघात लगने के कारण होता है| कुछ स्त्री-पुरुषों की आदत होती है कि वे चिमटी, पेंसिल या सलाई से जब-तक कण कुरेदने बैठ जाते हैं| ऐसा करने से कान का भीतरी भाग छिल जाता है जो वायु के वेग से प्रभावित होकर दर्द करने लगता है| इसलिए कान कियो हर समय कुरेदने या सींक-सलाई डालने से बचना चाहिए| |
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1. सरसों, फिटकिरी और हल्दी 25 ग्राम सरसों के तेल में 5 ग्राम फूली फिटकिरी तथा 5 ग्राम पिसी हल्दी मिलाकर आंच पर अच्छी तरह पका लें| फिर उसे छानकर कान में बूंद-बूंद टपकाएं| तीन-चार दिनों में कान के सभी रोग दूर हो जाएंगे| 2. प्याज और फिटकिरी दिन में दो बार प्याज का रस कान में टपकाएं| इसके बाद जरा-सा फिटकिरी का जल डालें| फिर कान को नीचे करके दोनों बहा दें| 3. आम और सरसों आम के हरे बौर को पीसकर रस निकाल लें| इस रस को थोड़े-से सरसों के तेल के साथ मिलाकर कान में बूंद-बूंद टपकाएं| 4. सरसों और अमृतधारा सरसों के तेल में दो बूंद अमृतधारा मिलाकर कान में डालें| 5. दूध कान के दर्द तथा घाव को ठीक करने के लिए माताएं प्राय: अपना दूध बच्चों के कानों में डालती हैं| 6. गोमूत्र कान में दो-तीन बूंद गोमूत्र डालने से भी कान का दर्द जाता रहता है| 7. सुदर्शन वृक्ष और घी सुदर्शन वृक्ष के पत्तों का रस निकालकर उसमें जरा-सा घी मिलाकर कान में डालें| 8. सिरस सिरस के पत्तों को पीस-गरम कर एक पोटली में रखें| फिर इससे कान की सेंकाई करें| 9. गुलाब गुलाब की पत्तियों का रस निकालकर कान में डालें| 10. ग्वारपाठा ग्वारपाठे के गूदे का रस निकालकर गरम करें| फिर उसे गुनगुना करके कान में डालें| 11. मिट्टी और गोमूत्र मिट्टी के सकोरे को कंडे की आंच में गरम करें| फिर उसमें गोमूत्र डालें| इससे गोमूत्र गरम हो जाएगा| इसको सहता-सहता कान में डालें| 12. लहसुन लहसुन का तेल कान के दर्द को तुरन्त दूर कर देता है| 13. सरसों और मूली 50 ग्राम सरसों के तेल में दो चम्मच मूली का रस मिला लें| फिर इसे आग पर पकाएं| रस जलने के बाद जब तेल शेष रह जाए तो इसे नीचे उतारकर सहता-सहता कान में डालें| 14. लौंग, अनार, खील, कस्तूरी और बादाम चार लौंग, थोड़ा-सा अनार का फूल, 4 ग्राम सुहागे की खील तथा 2 ग्राम कस्तूरी-सबको बादाम के रस में घोटकर आग पर गरम कर लें| फिर छानकर शीशी में भर लें| इसमें से दो-दो बूंद तेल कान में डालें| कान की हर प्रकार की बीमारी के लिए यह रामबाण नुस्खा है| 15. आम आम के पत्तों पर तेल लगाकर गरम करके कान पर बांधें| 16. अदरक कान में अदरक का रस गुनगुना करके डालने से दर्द कम हो जाता है| 17. चंदन चंदन का तेल कान में डालने से कान का दर्द जाता रहता है| 18. सुहागा और नीबू सुहागा पीसकर उसमें थोड़ा-सा नीबू का रस मिलाएं| इस रस को रोज दो बार कान में डालें| 19. सरसों और अजवायन सरसों के तेल में एक चम्मच अजवायन डालकर आग पर पकाएं| जब तेल अच्छी तरह पक जाए तो उसे नीचे उतारकर छान लें| इस तेल को कान में बूंद-बूंद करके दिन में तीन बार डालें| 20. हल्दी और सरसों पिसी हल्दी को सरसों के तेल में डालकर पकाएं| जब तेल अच्छी तरह पक जाए तो छानकर कान में डालें| |