हिन्दी पंचांग कैलेंडर
नमक के स्वास्थ्य लाभ

नमक मानवीय भोजन में पड़ने वाली एक अनिवार्य वस्तु है| एक चम्मच नमक में औसत व्यक्ति की एक दिन की समग्र शरीर की क्रियाओं को सुचारू रूप-से चलने के लिए सोडियम की मात्रा पर्याप्त होती है| नमक को रसायन की भाषा में सोडियम क्लोराइड भी कहा जाता है| नमक को समग्र रसों का राजा माना गया है|
1. पेट का दर्द
एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है|
2. फेनफेड़
गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे कराएं| ग्रंथि की सूजन पर नमक के गर्म पानी से सेंक करें|
3. वात ज्वर
में सूजन वाले स्थान पर नमक या बालू मिट्टी की पोटली से सेंक करें|
4. नशीलापन
कैसा भी विष-सेवन किया हो, नशा किया हो, 60 ग्राम नमक पानी में घोलकर पिलाएं| इससे उल्टियां होंगी और विषैला, नशीला पदार्थ बाहर आ जाएगा|
5. त्वचा की कोमलता
त्वचा शुष्क, खुश्क हो, हाथ-पैर बिवाई फटती हों तो गर्म पानी में नमक मिलाकर धोएं, सेंक करें| इससे त्वचा कोमल हो जाएगी|
6. मोच
इसे गर्म-गर्म मोटे कपड़े में बांधकर दर्द वाली जगह को सेंकने से आराम मिलता है| चोट में सैंधा नमक और बूरा समान मात्रा में मिलाकर एक चम्मच सुबह-शाम पानी से फंकी लें|
7. निर्जलीकरण
दस्त होने पर नमक और ग्लूकोज पानी में घोलकर बार-बार पिलाते रहने से शरीर में पानी की कमी, खुश्की नहीं आती|
8. दाद
दाद पर हर घंटे बाद नमक को पानी में गोदकर लेप करें| एक सप्ताह में दाद ठीक हो जाएगा|
9. जुकाम
सैंधा नमक, काली मिर्च, हल्दी हरेक 6 ग्राम पीसकर एक गिलास पानी में उबालें| आधा पानी रहने पर गर्म-गर्म पिएं|
10. आधी सीसी का दर्द
आधे सिर में दर्द हो तो आधा चम्मच नमक, आधा चम्मच शहद में मिलाकर चटाएं, आशातीत लाभ होगा|
11. बन्द मासिक धर्म
ठंडी हवा या पानी में काम करने से मासिक धर्म नहीं आ रहा हो तो 2-2 ग्राम नमक गर्म पानी से दिन में तीन बार लें, मासिक धर्म आने लगता है|
12. मलेरिया
किसी भी प्रकार का मलेरिया हो, नमक से ठीक हो जाता है| नित्य काम में लिये जाने वाला नमक तवे पर अच्छी तरह इतना सेंकें कि वह भूरे रंग का हो जाए| यह बच्चे के लिए आधा चम्मच और बड़ों के लिए एक चम्मच एक गिलास पानी में घोलकर गर्म करके गर्म-गर्म पानी मलेरिया बुखार आने से पहले भूखे पेट पिला दें| इससे बुखार नहीं चढ़ेगा पुन: दुसरे दिन इसी प्रकार का सेवन करें| दो, तीन बार करने से मलेरिया ठीक हो जाएगा|
13. शारीरिक रोग
गर्म पानी लेने से मलेरिया, मौसमी ज्वर वायुगोला, गैस आदि विकार ठीक होते हैं| खाना खाने के दस मिनट बाद लेने से अपच, भूख की कमी दूर हो जाती है| सौ ग्राम गर्म पानी में लेने से दम तथा गर्म दूध से लेने जुकाम ठीक होता है|
14. पेट का दर्द
गर्म पानी में नमक मिलाकर पिएं| इससे शरीर में व्याप्त अनावश्यक तत्व भी निकल जाते हैं|
15. यकृत प्रदाह
आधा चम्मच सैंधा नमक, चार चम्मच राई, पानी डालकर पीसकर यकृत स्थान पर पांच मिनट लेप करें और फिर धोकर घी लगा दें| इससे यकृत में हो रहे दर्द में लाभ होगा|
16. हिचकी
( सैंधा नमक, काला नमक और नित्य उपयोग में आने वाला नमक, सब समान मात्रा में मिलाकर पीस लें| इसकी आधी चम्मच गर्म पानी से लें तो हिचकी बन्द हो जाएगी| जिन बीमारियों में नमक का सेवन बन्द किया गया हो, नमक का सेवन न करें|
काला नमक चौथाई चम्मच, आधे नींबू का रस, एक चम्मच शहद में मिलाकर लेने से शीघ्र ही हिचकी बन्द हो जाती है| हिचकी जब तक बन्द न हों, हर बीस मिनट बाद लेते रहें|
साठ ग्राम पिसी हुई राई एक किलो पानी में उबालें| चौथाई पानी रहने पर स्वादानुसार सैंधा नमक मिलाकर पिलाते रहने से हिचकी बन्द हो जाती हैं| सैंधा नमक पानी में घोलकर नाक में टपकाने से हिचकी बन्द हो जाती हैं|
17. प्रसव पर संयम
(बेटा पैदा करने के लिए संयम) चिकित्सा जगत में हो रहे अनुसंधानों से ज्ञात हुआ है कि जिन पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु कम होते हैं, उनके ज्यादातर बेटियां होती हैं| जिनके वीर्य में शुक्राणु ज्यादा संख्या में होते हैं, उनके ज्यादातर बेटे उत्पन्न होते हैं| बेटा पैदा करने के लिए पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए| कुछ संयम रखने से वीर्य के शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है| बेटा पैदा करने के लिए संभोग से पूर्व दो चम्मच सैंधा नमक दो किलो पानी में घोलकर ‘डूश’ देकर योनि-प्रक्षालन करना चहिए| संभोग में लिंग का ‘गहरा प्रवेश’ होना चाहिए| इससे बेटा उत्पन्न होगा|
18. गठिया
एक किलो गर्म पानी में चार चम्मच नमक डालकर सेंक करने से गठिया में लाभ होता है|
19. विषैले दंश
विषैली मक्खी, भिड़ के डंक पर पानी डालकर नमक रगड़ें| इससे जलन, दर्द नहीं होगा, सूजन भी नहीं आएगी| नमक का पानी पिएं|
20. सिर-दर्द
एक चुटकी नमक जीभ पर रखें, दस मिनट बाद एक गिलास ठंडा पानी पिएं, सिरदर्द ठीक हो जाएगा| चौथाई कप जल में 3 ग्राम या तीन चने के बराबर नमक मिलाकर उस पानी को सूंघने से सिर दर्द में आराम होता है|
21. पायोरिया
पायोरिया दूर करने के लिए सैंधा नमक बारीक पीसकर कपड़े में से छान लें| फिर एक भाग नमक, चार भाग सरसों के तेल में मिलाकर नित्य इससे ही मंजन करते रहने से पायोरिया ठीक हो जाता है| यही नहीं, दांतों के अन्य सामान्य रोग, जैसे दांतों में दर्द, पानी लगना आदि भी ठीक हो जाते हैं| इसके साथ गाजर अधिक खाएं या इसका रस पिएं| चीनी, चाय, काफी आदि का सेवन नहीं करें| आपके दांत स्वस्थ रहेंगे|
22. दुर्गन्ध
पसीने और पेशाब में दुर्गन्ध अधिक नमक खाने से आती है| नमक खाने से कोषाणु मरते हैं और जब मरे हुए कोषाणु पसीने के साथ छिद्रों से बाहर निकलते हैं तो तेज दुर्गन्ध आती है| अत: दुर्गन्ध से बचने के लिए नमक कम-से-कम खाना चाहिए|
23. तीव्र प्यास
नमक ग्रंथियों का रस सुखाता है और इसी कारण से प्यास अधिक लगती है, जिन्हें प्यास अधिक लगती हो, वे नमक अल्प मात्रा में खाएं|
24. अग्निमांद्य
( मंदाग्नि या अग्निमांद्य होने पर खाना नहीं पचता| जी मिचलाता है, मुंह से लार गिरती है, जी घबराता है, पेट और सिर में भारीपन रहता है| सैंधा नमक पेट के रोगों में लाभकारी है| सभी चूर्ण आदि में सैंधा नमक डाला जाता है|
मंदाग्नि होने पर चौथाई चम्मच अदरक के टुकड़ों पर सैंधा नमक डालकर नित्य भोजन से पहले खाएं|
सौंठ और सैंधा नमक मात्रा में मिलाकर एक चम्मच गर्म पानी से फंकी लें|
बरसात में सैंधा नमक एक भाग, छोटी हरड़ पांच भांग पीसकर एक चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम गर्म पानी से लें| सैंधा नमक एक भाग, अजवाइन चार भाग पीसकर आधा चम्मच दो बार सुबह-शाम गर्म पानी से लें|
(अग्निमांद्य से बचने के सामान्य उपचार) खाना नियमित समय पर आवश्यकता से कम खाएं, पानी कम पिएं| मानसिक तनाव, चिन्ता, शोक आदि से बचें| जब खाए हुए भोजन का रस अपच, अग्निमांद्य के कारण नहीं पचता तो पेट व शरीर में भारीपन बना रहता है| चेहरे पर सूजन रहती है| जैसा खट्टा या मीठा खाना खाया जाता है, वैसी ही डकारें आती हैं|
खाना न पचने पर सैंधा नमक, बड़ी इलायची या डोडा इलायची, सूखा पोदीना, अजवाइन, काली मिर्च, सब समान मात्रा में पीस कर एक चम्मच नित्य पानी से फंकी लें तो लाभ होगा|
25. बांहों की सुंदरता
हाथों, बांहों को गीला करके एक मुट्ठी नमक लेकर गोलाकार गति से बांहों की मालिश करें| ऐसा प्रति सप्ताह करें| इससे बांहों की त्वचा में कोमलता आएगी|
26. पैरों की सुंदरता
गर्म पानी में नमक डालकर पैर धोने से पैर सुंदर और मुलायम होते हैं|
27. खांसी
खांसी हो, गले में कफ जमा हो तो सैंधा नमक धीरे-धीरे चूसने से लाभ होता है|
28. दांत व मसूढ़े के रोग
दांतों व मसूड़ों में दर्द हो तो बारीक पिसा हुआ सैंधा नमक मलने से लाभ होगा|
29. गले के रोग
टांसिल, गले में दर्द, सूजन, दांत दर्द होने पर पानी में नमक डालकर गरारे, कुल्ले करने से लाभ होता है|
30. पुत्र-जन्म
गर्भवती महिलाएं उचित ढंग का आहार लें तो अपनी मर्जी से पुत्र या पुत्री को जन्म दे सकती हैं| डॉक्टरों का कहना है कि जो महिलाएं अधिक नमकीन खाती हैं, वह पुत्रों को जन्म देती हैं, लेकिन दूध, दही और पनीर तथा मक्खन खाने वाली महिला को अधिक लड़कियां ही होती हैं| परीक्षणों से पता चलता है कि केवल गर्भावस्था के दौरान ही नहीं, बल्कि उससे पहले 6 सप्ताह तक एक महिला जो खाना खाती है, उसका बच्चे के सैक्स के साथ गहरा सम्बन्ध है| नमकीन आहार से पोटेशियम और सोडियम उत्पन्न होता है, जिसका शरीर के उन क्रोमोसोम पर गहरा असर पड़ता है, जिनके माध्यम से बच्चे का सैक्स निर्धारित होता है| इसके विपरीत क्रीम, पनीर, फीका मक्खन व अंडों का सेवन करने वाली महिला के शरीर में इस प्रकार की रासयनिक प्रक्रिया होती है, जिससे लड़कियां ही उत्पन्न हो सकती हैं|
31. दस्त
सैंधा नमक पीपल, छोटी हर्र तीनों समान मात्रा में पीस लें| इसकी आधा चम्मच ठंडे पानी से नित्य दो बार भोजन के बाद लेने से अपच के दस्त बन्द हो जाते हैं|
32. टाइफाइड
में एक चम्मच नमक एक गिलास पानी (बड़ों के लिए) में घोलकर एक बार नित्य तीन दिन पिलाएं| यदि तेज प्यास लगने लगे तो न पिलाएं| जीभ तर रखने के लिए घूंट-घूंट पानी पिलाएं, अधिक पानी न पिलाएं| इससे ज्वर सामान्य हो जाता है तथा आंत्र ज्वर अपनी अवधि से पहले ही ठीक हो जाता है|
33. चर्म रोग
सर्दियों में होने वाले चर्म रोगों में गर्म पानी में नमक मिलाकर नहाना लाभदायक है|
34. कब्ज
काला नमक, अजवाइन, छोटी हर्र और सोंठ समान मात्रा में मिलाकर बारीक पीस लें| रात को खाने से एक घंटे बाद एक चम्मच गर्म पानी से फंकी लें| कब्ज दूर हो जाएगा|
35. बिच्छू का काटना
बिच्छू काटने पर जहां बिच्छू ने काटा हो, उसके विपरीत कान में नमक के संतृप्त घोल (Saturated Solution) की चार बूंदें डालें| जैसे दाएं पैर में बिच्छू ने काटा हो तो बाएं कान में चार बूंद डालें| इससे अतिशीघ्र आराम हो जाएगा| इस घोल को बिच्छू काटे स्थान पर लगाएं तथा एक घूंट पी लें| संतृप्त घोल बनाने की विधि – पानी में नमक डालते जाएं और हिलाते जाएं| जब नमक डालते-डालते हिलाने पर घुलना बन्द हो जाए तो यह संतृप्त घोल बन जाता है|
एक भाग नमक, पांच भाग पानी में मिलाकर काजल की तरह आंख में लगाने से बिच्छू का जहर तुरन्त उतर जाता है| संतृप्त घोल लगाने से कीड़े-मकोड़े के काटने का प्रभाव भी समाप्त होता है|
36. अपच
पाचन-शक्ति खराब हो, हल्के भोजन से भी दस्त लग जाएं, कभी पेचिश, कभी कब्ज, शरीर दुर्बल होता जाए तो पांच ग्राम काला नमक गर्म पानी में घोलकर पिलाने से लाभ होता है| बच्चों को प्राय: एक-दो माह में देना चाहिए| खटाई खाने से दांत आम गये हों तो नमक पीसकर दांतों पर मलें| दांत हिलता हो तो तिल के तेल में काला नमक बारीक पीसकर मिलाकर मंजन करें|
37. पैरों में दर्द
पैरों में थकान हो, दर्द हो तो गर्म पानी में नमक मिलाकर 10 मिनट पैर घुटनों तक डुबोकर रखें| पानी से पिंडलियों तक मालिश करें|
38. अंगुलबेड़ा
जब दर्द लगातार हो रहा हो तो नमक के पानी में अंगूठा या अंगुली डुबोये रखने पर दर्द घट जाता है|
39. साइटिका
गघ्रसी और एक चम्मच नमक को पाव भर पानी में तेज आंच पर उबालें| इसमें एक कपड़ा भिगोकर दर्द वाली टांग के पीड़ित स्थान पर सेंक करें| इस प्रकार प्रतिदिन दो बार सेंक करें| लगभग 15 दिन में साइटिका का दर्द ठीक हो जाएगा|