जिरा त्रिदोषशामक, वायुनाशक, वेदनाहारक और मात्रृदुग्धवर्धक है |
जिरा व मिश्री समभाग पीसकर ५-६ ग्राम मिश्रण सुबह-श्याम दूध के साथ लेने से माताएँ के दूध बढ़ जाता है|२-३ ग्राम जीरे गुड के साथ खाने से भी माँ का दूध बढ़ जाता है |
सफेद जिरा ऊबाल के उस पानी से कुछ दिन मुँह धोने से फोड़ो-फंसी, के दाग दूर होते है |
जिरा और मिश्री समभाग पीसकर २ से ५ ग्राम मिश्रण चावल के पानी के साथ लेने से श्वेतपदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है |
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