एरंड तेल के स्वास्थ्य लाभ |
यह सब तेलों में सबसे अधिक उपयोगी है| कब्ज को दूर करने में इसका प्रयोग किया जाता है| वायु, जोड़ों का दर्द, हृदय रोग, आमाशय के विकार, सूजन तथा रक्त विकार में भी यह प्रयुक्त होता है| यह केस्टरऑयल के नाम से भी जाना जाता है| |
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1. वायुगोला (वायु गोला, वायु गोला या गुल्म) पेट में गांठ की तरह उभार को गयुगोला कहते हैं| यह घटता बढ़ता है| एरण्ड का तेल दो चम्मच, गर्म दूध में मिलाकर पीने से लाभ होता है| 2. दर्द गृधसी और कमर दर्द होने पर एरण्ड के बीच की 5 मींगी दूध में पीस कर पिलाने में लाभ होता है| 3. गठिया पेट में आंव दब जाने से गठिया हो जाती है| गठिया में एरण्ड का तेल कब्ज दूर करने हेतु सेवन करें| इससे आंव बाहर निकलेगी और गठिया में आराम होगा| 4. कब्ज सोते समय दो चम्मच एरण्ड का तेल पीने से कब्ज दूर होता है, दस्त साफ आता है| इसे गर्म दूध या गर्म पानी में मिला कर पी सकते हैं| 5. बिवाइयां पैरों को गर्म पानी से धोकर एरण्ड का तेल लगाएं| बिवाई फटना बंद हो जाएगी| 6. नेत्र रोग आंख में मिट्टी, कंकरी गिर जाए, धुआं, तीव्र गंध से दर्द हो तो एरण्ड के तेल की बूंद आंख में डालने से लाभ होता है| तेल डालने के बाद हर 25 मिनट में सेंक करें| अर्श बाहर निकले हुए होने पर नित्य एरण्ड का तेल लगाने से सूख जाते हैं, दर्द दूर होता है| पिचकारी या अन्य किसी तरह गुदा पर भी लगाएं| 7. दांतों के रोग पायोरिया एरण्ड का तेल और कपूर मिलाकर नित्य दो बार, सुबह, शाम मसूड़ों पर मलने से पायोरिया में लाभ होता है| 8. चेहरे का सौन्दर्य एरण्ड के तेल में चने का आटा मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से झाईं आदि मिटकर चेहरा सुन्दर हो जाता है| 9. नाखून एरण्ड के गुनगुने (हल्के गर्म) तेल में नित्य नाखूनों को कुछ मिनट डुबोए रखें, फिर उसी तेल की मालिश करें| यदि डुबोना संभव नहीं हो तो गर्म तेल में रुई डुबो कर नाखूनों पर रखें| इससे नाखून चमकने लगेंगे| 10. स्तन रोग स्तन की बीटनी का अगला भाग, चूचुक में उभार न हो, कटी हुई अवस्थय हो तो एरण्ड के तेल की मालिश करने से लाभ होता है| 11. सर्प दंश एरण्ड की कोपलें दस ग्राम, 5 काली मिर्च, दोनों को पीसकर पानी में मिलाकर पिला दें| इससे उलटी होगी, कफ निकलेगा| थोड़ी देर बाद पुन: इसी तरह पिलाएं| इससे विष बाहर निकल जाएगा| 12. चोट, घाव कहीं चोट लग कर रक्त आने लगे, घाव हो, एरण्ड का तेल लगा कर पट्टी बांधने से लाभ होता है| |