यदि पेट ठीक से साफ नही होता, मल कष्ट से निकलता है तो हरड़ का उपयोग करना चाहिये।
हरड़ और पीपल दोनों को को पानी मे पीसकर पिलाना चाहिए।
पेट की आंतो को स्वस्थ रखने के लिए मसूर की दाल सर्वोत्तम होती है।
जिनको कच्चे पक्के दस्त होते हो,पेट फूलता हो, आंतो में गुड़गुड़ शब्द होता है और घूमता हुआ दर्द होता हो,वो मसूर की दाल खाये
पेट दर्द के रोगी को 2 टुकड़े वाली दाल ( द्विदल) मूंग, राहर, चना का त्याग करना चाहिये
|