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शहद के फायदे

शीतकाल में संगृहित शहद सर्वोत्तम माना जाता है| हिमालय प्रदेश का शहद उत्तम तथा मारवाड़ का शहद सबसे निकुष्ट माना जाता है| शहद की दो विशेष विशेषताएं हैं| एक तो यह कि पेट में पहुंचते ही, पचकर यह खून में मिल जाता है और तुरंत ही शरीर में बल-संचय कर देता है| दूसरा यह कि शहद को जिसके साथ लिया जाता है, यह उसी प्रकार का प्रभाव दिखाता है| अर्थात् गर्म चीज के साथ गर्म तथा ठंडी चीज के साथ लेने से ठंडा प्रभाव दिखाता है|
1. थकावट
शहद के प्रयोग से शक्ति, स्फूर्ति और स्नायु को शक्ति मिलती है| समुद्र में काम करने वाले जिनको बहुत समय तक पानी में रहना पड़ता है वे शहद से यह शक्ति प्राप्त कर सकते हैं| शहद का सबसे बड़ा गुण थकावट दूर करना है| शक्कर से पाचन अंग खराब होते हैं, पेट में वायु पैदा होती है लेकिन शहद वायु बनने को रोकता है| मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है| आप सारे काम काज करने के बाद रात को या जब भी थकावट हो तो दो चम्मच शहद आधे गिलास गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़कर पिएं, सारी थकावट दूर हो जायेगी और आप पुन: ताजगी प्रतीत करने लगेंगे|
2. कृमि
सुबह-शाम शहद लेने से कृमि में लाभ होता है|
दो भाग दही, एक भाग शहद मिलाकर चाटने से कृमि मर कर मल के साथ बाहर आ जाते हैं|
3. दांत निकलना
(बच्चों के दांत निकलना) दांत निकलने वाले बच्चों के मसूड़ों पर शहद रगड़ने से दांत बिना कष्ट के निकलते हैं| बच्चों का कब्ज भी शहद देने से ठीक होता है|
4. जुकाम, इन्फ्लूएंजा
शहद 30 ग्राम, अदरक का रस दो चाय के चम्मच थोड़े से गर्म पानी में मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है| 2 चम्मच शहद, 20 ग्राम दूध, आधा चम्मच मीठा सोडा; इन सबको मिलाकर सुबह और इसी मात्रा में शाम को पिलाएं| इससे बहुत पसीना आएगा| पसीने में हवा न लगने दें| इससे जुकाम, फ्लू ठीक हो जाएगा| फ्लू होने पर शहद के सेवन से खांसी के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं, बुखार और सिर दर्द कम होता है|
मात्रा –
बड़ों के लिए 1-2 चम्मच, बच्चों के लिए आधी से एक चम्मच|
5. क्षय
25 ग्राम शहद, 100 ग्राम मक्खन में मिलाकर देना चाहिए| एक चम्मच शहद, दो चम्मच देशी घी मिलाकर सेवन करने से शरीर का क्षय होने रुक जाता है, बल बढ़ता है|
6. हृदय शक्तिवर्धक
शहद हृदय को शक्ति देने के लिए विश्व की समस्त औषधियों में सर्वोत्तम है| इससे हृदय इतना शक्तिशाली हो जाता है जैसे घोड़ा हरे जौ खाकर शक्ति प्राप्त कर लेता है| शहद के प्रयोग से हृदय के पट्टो की शोथ दूर हो जाती है| जहां यह रोग-ग्रस्त हृदय फेल होने से बच जाता है| जब रक्त में ग्लोइकोर्जन के अभाव से रोगी को बेहोश होने का डर हो, तो शहद खिलाकर रोगी को बेहोश होने से बचाया जा सकता है| शहद मिनटों में रोगी में शक्ति व उत्तेजना पैदा कर देता है और कमजोर तथा फेल होने वाला हृदय शक्तिशाली हो जाता है| सर्दी या कमजोरी के कारण जब हृदय की धड़कन अधिक हो जाए, डीएम घुटने लगे तो दो चम्मच शहद सेवन करने से नवीन शक्ति मिलती है| हृदय की दुर्बलता, दिल बैठना आदि कोई कष्ट हो तो शहद की एक चम्मच गर्म पानी में डालकर पिलाएं| एक चम्मच शहद प्रतिदिन लेने से हृदय सबल बनता है| एक चम्मच शहद में 10 कैलोरी शक्ति होती है|
7. पेट दर्द
यदि किसी चीज के खाने से पेट-दर्द हो जैसा कि प्राय: पेट-दर्द के रोगी पूछने पर बताते हैं कि पेट-दर्द खाने से बढ़ता है तो कुछ दिन शहद सेवन करने से लाभ होता है|