अस्थमा के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज |
दमा फेफड़ों की ऐसी बीमारी होती है जिसके कारण व्यक्ति को साँस लेने में कठिनाई होती है। यह फेफड़ों में वायुमार्ग से जुड़ी एक बीमारी है। दमा होने पर श्वास नलियों में सूजन होकर श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है।
इन वायुमार्गों यानी ब्रॉनकायल टयूब्सके माध्यम से हवा फेफड़ों के अन्दर और बाहर जाती है और अस्थमा में यह वायुमार्ग सूजे हुए रहते हैं।
![]() जब यह सूजन बढ़ जाती है और वायुमार्ग के चारों ओर मांसपेशियों के कसने का कारण बनती है और साँस लेने में कठिनाई के साथ खाँसी, घरघराहट और सीने में जकड़न जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। खाँसी के कारण फेफड़े से कफ उत्पन्न होता है लेकिन इसको बाहर लाना काफी कठिन होता है। अनेक लोग चाहते हैं कि अस्थमा का जड़ से इलाज करें लेकिन उचित तरीके से अस्थमा का घरेलू उपचार नहीं करने के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। इसलिये आइए जानते हैं कि आपको अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लिए क्या करना चाहिए। अस्थमा या दमा क्या है? आयुर्वेद में अस्थमा को तमक श्वास कहा गया है। यह वात एवं कफ दोष के विकृत होने से होता है। इसमें श्वास नलियाँ संकुचित होता है जिसके कारण छाती में भारीपन का अनुभव होता है तथा साँस लेने पर सीटी जैसी आवाज आती है। आप आयुर्वेदिक तरीके से अस्थमा का घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। अस्थमा के प्रकार :
अस्थमा के लक्षण : दमा या अस्थमा के लक्षण के रूप में सबसे पहले सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके अलावा भी और लक्षण होते हैं जिनके बारे में आगे लिखा जा रहा है। अस्थमा के लक्षणों का जितनी जल्दी पता चलेगा उतनी ही जल्दी अस्थमा का इलाज होना मुमकिन होता है। इन लक्षणों की पहचान कर आप अस्थमा का घरेलू उपचार कर सकते हैंः-
अस्थमा को रोकने के उपाय : अस्थमा का घरेलू उपचार के लिए मरीजों को कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना चाहिए।
अस्थमा के लिए आहार-योजना : जब आप अस्थमा का घरेलू उपचार कर रहे हैं तो इन आहार का सेवन करना चाहिएः-
अस्थमा का घरेलू उपचार करते समय इनका सेवन नहीं करना चाहिए :
अस्थमा का घरेलू तरीके से उपचार करते समय आपकी जीवन शैली ऐसी होनी चाहिए :
अस्थमा का घरेलू उपचार : आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कई ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनके उपयोग से अस्थमा के इलाज में मदद मिलती है। आइये अस्थमा के कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं। लहसुन अस्थमा में फायदेमंद : अस्थमा का सफल उपचार करने के लिए आपको लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए। लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। 30 मि.ली. दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा का जड़ से इलाज होता है। अंजीर से पाएं अस्थमा में लाभ : अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। यह कफ को जमने से भी रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है और अस्थमा का सफल इलाज होता है। अजवाइन दमा के लिए फायदेमंद : अस्थमा से अनेक लोग पीड़ित रहते हैं। अगर आप भी अस्थमा से पीड़ित हैं तो आपके लिए बहुत ही आसान उपाय है। अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लिए आप अजवायन डालकर इसे उबालें और इस पानी से उठती भाप लें। यह अस्थमा का जड़े से इलाज करता है। मेथी सांस की परेशानी को करे कम : मेथी हर घर में होती है। आप जानते हैं आप मेथी के इस्तेमाल से अस्थमा का सफल इलाज कर सकते हैं। अस्थमा का घरेलू उपचार करने के लिए आप मेथी का प्रयोग कर सकते हैं। शरीर की भीतरी एलर्जी को खत्म करने में मेथी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिलाकर रोज सुबह-शाम सेवन करें। यह अस्थमा का सफल उपचार का तरीका है। अदरक का इस्तेमाल दमा के लिए फायदेमंद : अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लए आप अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं। अदरक की चाय में लहसुन की दो पिसी कलियाँ मिलाकर पिएं। यह अस्थमा का सफल इलाज करता है। अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मेथी का काढ़ा और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएँ। दमा के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाभदायक है। करेला दमा से दिलाये आराम : अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लिए आप करेला का प्रयोग कर सकते हैं। करेला का एक चम्मच पेस्ट शहद और तुलसी के पत्ते के रस के साथ मिला कर खाने से अस्थमा में फायदा होता है। सरसों के तेल से मसाज अस्थमा में फायदेमंद : अस्थमा होने पर छाती और रीढ़ की हड्डी पर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के कुछ देर बाद स्टीमबाथ भी करनी चाहिए। प्याज दमा के बीमारी में लाभकारी : अस्थमा में कच्चे प्याज का सेवन लाभदायक होता है। प्याज में मौजूद सल्फर फेफड़ों की जलन और अन्य समस्याओं को कम करने में सक्षम होता है। प्याज अस्थमा का सफल उपचार करता है। विटामिन सी युक्त आहार अस्थमा में फायदेमंद : विटामिन-सी अस्थमा में बहुत लाभदायक है। विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करें। नींबू, संतरे, जामुन, स्ट्रॉबेरी एवं पपाया विटामिन-सी के अच्छे स्रोत हैं। इनका सेवन करें। सब्जियों में फूलगोभी एवं पत्तागोभी का सेवन करें। इससे अस्थमा का जड़ से इलाज होता है। हल्दी-दूध दिलाये अस्थमा से आराम : आपको तो पता ही है कि हल्दी बहुत ही गुणकारी मसाला है। इसलिए अगर आप अस्थमा का सफल उपचार करना चाहते हैं तो दूध में हल्दी डालकर पिएँ। इसके अलावा आप दूध में लहसुन पकाकर भी पी सकते हैं। शहद का मिश्रण दमा के मरीजों के लिए लाभकारी : अस्थमा का दौरा बार-बार न पड़े इसलिए हल्दी और शहद मिलाकर चाटना चाहिए। यह अस्थमा का सफल इलाज सहायक होता है। बड़ी इलायची, खजूर और अँगूर को समान मात्रा में पीसकर शहद के साथ खाएँ। यह अस्थमा की खाँसी में बहुत लाभदायक है। यह अस्थमा का जड़ से इलाज करता है। तेजपत्ता दमा के रोगी से दिलाये आराम : तेजपत्ता और पीपल के पत्ते की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर मुरब्बे की चाशनी के साथ खाएँ। प्रतिदिन इसे खाने से अस्थमा में लाभ होता है। तुलसी अस्थमा में फायदेमंद : सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इसे पीने से अस्थमा की समस्या दूर हो जाएगी। सहजन के सेवन से करें अस्थमा का उपचार : आयुर्वेद के अनुसार सहजन में कफ को कम करने वाला गुण होता है और इसी गुण की वजह से अस्थमा में इसका सेवन लाभकारी माना जाता है। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो अपनी डाइट में सहजन की सब्जी ज़रूर शामिल करें। अस्थमा की समस्या में राहत दिलाता है आंवला पाउडर : आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार आंवला में रसायन का गुण होता है जो की हमारी इम्युनिटी को बढ़ाकर अस्थमा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए आपको नियमित रूप से आंवला या आंवला पाउडर का सेवन करना चाहिए। आप चाहें तो आंवला कैंडी का भी सेवन कर सकते हैं। अस्थमा के इलाज में फायदेमंद है बड़ी इलायची : बड़ी इलायची में कफ शमन का गुण होता है अर्थात यह शरीर में कफ की मात्रा में कमी लाता है। कफ में कमी होने से अस्थमा के लक्षणों में कमी आती है, इसीलिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ अस्थमा के मरीजों को बड़ी इलायची के सेवन की सलाह देते हैं। दमा के इलाज में लाभकारी है लैवेंडर ऑयल : लैवेंडर आयल की सुगंध अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि लैवेंडर ऑयल में पाये जाने वाला शोथहर और एंटी एलर्जिक का गुण अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करें। कॉफी से पाएं अस्थमा में लाभ : कॉफी में मौजूद कैफीन में ब्रोंको डायलेटर का गुण पाया जाता है जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसलिए अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो सीमित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करें। ध्यान रखें कि बहुत अधिक मात्रा में कॉफ़ी का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। अस्थमा का आयुर्वेदिक उपचार : आयुर्वेद मतानुसार तमक श्वास दूषित कफ से उत्पन्न होने वाला एक विकार है। कफ के आमाशय द्वारा फेफड़ो तथा श्वास नली में आने से यह रोग होता है। कफ को आमाशय में लाकर उसे चिकित्सा द्वारा बाहर निकाला जाता है। अस्थमा का जड़ से इलाज या अस्थमा का अयुर्वेदिक घरेलू उपचार करने के लिए आप किसी चिकित्सक से इसके बारे में परामर्श ले सकते हैं।
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