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कालमेघ के 10 फायदे और नुकसान

कालमेघ के फायदे समझने के लिए कृपया नीचे दी जा रही जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़िए




डायबिटीज के लिए-
कालमेघ एक जड़ी बूटी है और इसके औषधीय उपयोग को देखते हुए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। इसका उपयोग डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ में एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज की स्थिति में आपको सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी यह देखा गया की कालमेघ के पौधे का अर्क का सेवन टाइप 1 डायबिटीज के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है ।

हृदय स्वास्थ्य के लिए-
हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन है क्योंकि कालमेघ में एंटीथ्रोम्बोटिक क्रिया (Antithrombotic Action – रक्त के थक्कों को रोकने की क्रिया) पाई जाती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि यह क्रिया विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों से आपकी रक्षा कर सकती है ।

कैंसर की स्थिति में-
कैंसर की स्थिति में और इसके कारण होने वाले जोखिम से बचने के लिए भी कालमेघ के पौधे का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन है क्योंकि इसमें एंटी-कैंसर गुण पाया जाता है। इसके साथ-साथ कालमेघ में एंड्रोग्राफोलाइड नामक बायोएक्टिव भी पाया जाते हैं, जो ल्यूकेमिया (Leukemia – एक प्रकार का ब्लड कैंसर) स्तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और मेलेनोमा कोशिकाओं (Melanoma Cells – कैंसर का एक प्रकार) सहित अन्य विभिन्न तरह के कैंसर से बचाव करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है ।

अनिद्रा की समस्या में-
अनिद्रा की समस्या कई कारणों से पनप सकती है, जिसमें चिंता (Stress) को मुख्य रूप से गिना जाता है । इस समस्या से बचने के लिए कालमेघ का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए मुमकिन है, क्योंकि कालमेघ एक एंटी-स्ट्रेस एजेंट की तरह कार्य करता है, जो स्ट्रेस को दूर कर अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिला सकता है ।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए-
रोग-प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी होती है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। कालमेघ में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाया जाता है। जबकि यह गुण प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकता है ।
कॉमन कोल्ड से बचने के लिए-
कॉमन कोल्ड की समस्या से बचने के लिए भी कालमेघ का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि कालमेघ का उपयोग कॉमन कोल्ड से बचने के लिए किया जा सकता है । हालांकि, यह किस प्रकार कॉमन कोल्ड की समस्या को ठीक करता है, इस पर अभी अधिक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है।

वायरल संक्रमण में-
वायरल संक्रमण से बचने के लिए कालमेघ का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ में एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो वायरल संक्रमण को रोकने में सहायता करता है। इसके लिए डॉक्टरी परामर्श पर कालमेघ का अर्क लिया जा सकता है ।

लीवर को स्वस्थ रखने के लिए-
लीवर का स्वास्थ्य संतुलन बनाए रखने के लिए भी कालमेघ के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके लिए कालमेघ की पत्तियों के अर्क का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कालमेघ की पत्तियों में हेपटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं। इसके अर्क का सेवन लीवर और रीनल डैमेज (Renal Damage – किडनी डैमेज) से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है ।

घाव भरने के लिए-
कालमेघ को एक चिकित्सकीय गुणों वाले पौधे की श्रेणी में गिना जाता है। इसके अतिरिक्त एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि कालमेघ के अर्क का सेवन करके घाव को ठीक किया जा सकता है । हालांकि, यह घाव को किस प्रकार ठीक करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

अपच की समस्या में-
अगर आप अपच की समस्या से परेशान हैं, तो इस समस्या का हल भी आपको कालमेघ के जरिए मिल सकता है। कालमेघ में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो अपच की समस्या को दूर कर सकते हैं । हालांकि, वैज्ञानिकों के द्वारा अभी भी अध्ययन किया जा रहा है कि यह किस प्रकार अपच की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

कालमेघ के नुकसान –
कालमेघ के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं ।
  • इसका अत्यधिक मात्रा में किया गया सेवन एलर्जी उत्पन्न कर सकता है।
  • इसके अर्क के ज्यादा सेवन से थकान महसूस हो सकती है।
  • कालमेघ का अधिक सेवन सिरदर्द, मतली और दस्त का कारण बन सकता है।
  • इसके अधिक सेवन से भूख में कमी आ सकती है।
  • गर्भावस्था में कालमेघ चूर्ण के सेवन से बचने की सलाह दी गई है।