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काली मिर्च के फायदे, उपयोग और नुकसान

सलाद, शिकंजी या सैंडविच कुछ भी बनाओ, बस ऊपर से थोड़ी काली मिर्च छिड़क दो, तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है। हालांकि, काली मिर्च सिर्फ इन्हीं चीजों का जायका नहीं बढ़ाती, बल्कि यह किसी भी खाने का स्वाद बढ़ाने का काम कर सकती है। साथ ही यह सेहत पर कई तरह के लाभकारी असर भी डाल सकती है, जिस बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है। स्टाइलक्रेज का यह लेख खास काली मिर्च के विषय पर है। इस लेख में हम काली मिर्च के फायदे, काली मिर्च के उपयोग व काली मिर्च के औषधीय गुण आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। ये गुण स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं और किसी शारीरिक समस्या से उबरने में भी मदद कर सकते हैं। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।




काली मिर्च के फायदे :
काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान के संबंध में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। उन्हीं शोध के आधार पर पहले काली मिर्च के फायदे और उसके बाद काली मिर्च के साइड इफेक्ट्स की जानकारी देंगे।

पाचन के लिए-
आहार में काली मिर्च का उपयोग करने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिल सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरिन अग्न्याशय यानी पेट के पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर पाचन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है । वहीं, अन्य शोध से पता चलता है कि काली मिर्च से पैंक्रियाटिक लाइपेज, काइमोट्रिप्सिन और एमिलेज की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। इन सभी को डाइजेस्टिव एंजाइम के रूप में जाना जाता है। इनसे पूरी पाचन प्रक्रिया बेहतर तरीके से काम कर सकती है

सर्दी-खांसी से राहत-
काली मिर्च के औषधि गुण का असर सर्दी-खांसी पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है। इसके इस्तेमाल से समस्या का निदान हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, काली मिर्च सर्दी-खांसी के लिए फोक मेडिसीन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें पाइपरिन (Piperine) नामक कंपाउंड होता है, जो सर्दी-खांसी की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही यह गले में खराश की समस्या का भी समाधान करने का काम कर सकता है । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि काली मिर्च खाने के फायदे सर्दी-खांसी से राहत के लिए हो सकते हैं।

कैंसर से बचाव-
कैंसर जैसी घातक समस्या से बचने में काली मिर्च मदद कर सकती है। इस बात को लेकर कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि काली मिर्च में एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती है। इस गुण के कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकती है (5)। इसके अलावा, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन की वजह से यह कीमोथेरेपी दवाई की तरह ही काम कर सकता है। पाइपरिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम कर सकता है । लिहाजा, माना जा सकता है कि काली मिर्ची के फायदे कैंसर से बचने के लिए हो सकते हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि अगर किसी को कैंसर है, तो उसे सिर्फ डॉक्टरी इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। काली मिर्च सिर्फ कैंसर से बचाने में मदद कर सकती है। इसे कैंसर का इलाज न समझें।

मौखिक स्वास्थ्य के लिए-
काली मिर्च का सेवन करने से इसका असर मुंह के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक शोध से यह पता चलता है कि इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है और मुंह के हाइजिन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मसूड़े की सूजन को कम करने का काम कर सकता है। साथ ही काली मिर्च में पाए जाने वाले पाइपरिन में दांतों की समस्या का कारण बनने वाले ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF-α) को कम करने का प्रभाव होता है। इसके अलावा, अगर किसी के दांतों में दर्द है, तो लौंग के तेल में काली मिर्च पाउडर मिलाकर दांतों की मालिश करने से राहत मिल सकती है। फिलहाल, इस संबंध में कोई शोध उपलब्ध नहीं है।

वजन कम करने में सहायक-
काली मिर्च खाने के फायदे वजन कम करने के लिए भी हो सकते हैं। इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के दौरान कुछ हफ्तों तक काली मिर्च युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन किया गया। इससे भूख में किसी तरह का बदलाव हुए बिना शरीर में फैट और लिपिड का स्तर कम मापा गया। इससे शरीर का वजन कुछ कम हो सकता है। यह सब काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन और एंटीओबेसिटी प्रभाव की वजह से ही संभव हो पाता है । इसलिए, कहा जा सकता है कि काली मिर्च के औषधीय गुण के कारण वजन कम हो सकता है।

आंत स्वास्थ्य के लिए-
पेट व आंतों से जुड़ी समस्याओं के लिए भी काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। इससे संबंधित एक वैज्ञानिक शोध में आंत में मौजूद फेकल बैक्टीरिया के खिलाफ कई जड़ी-बूटियों के प्रीबायोटिक प्रभाव पाए गए। इससे पेट व आंतों में समस्या उत्पन्न करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। इन जड़ी-बूटियों में काली मिर्च भी शामिल है। इसके अलावा, यह पाचन और गैस्ट्रिक की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती है, जिनका गलत असर आंत पर पड़ता है । इसलिए, आंत की समस्या से छुटकारा दिलाने में काली मिर्च के गुण सहायक हो सकते हैं।



भूख बढ़ाने के लिए-
जिन लोगों को भूख न लगने की समस्या है, उनके लिए काली मिर्च पाउडर फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, काली मिर्च में एल्कलॉइड, ओलेरोसिन और ऑयल जैसे कुछ कंपाउंड पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जाता है । फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।

कोलेस्ट्रॉल के लिए-
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर कई समस्याओं के पनपने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो काली मिर्च में पाइपरिन होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोक सकता है। यह तत्व कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्टर प्रोटिंस को भी दबाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रह सकता है। यह जानकरी एनसीबीआई वेबसाइट पर भी उपलब्ध है । इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने के लिए काली मिर्ची के फायदे हो सकते हैं।

डायबिटीज और ब्लड शुगर के लिए-
काली मिर्च खाने के फायदे मधुमेह और ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। इससे डायबिटीज के इलाज में मदद मिल सकती है । एक अन्य शोध के अनुसार, सीमित मात्रा में पाइपरिन लेने से शरीर में एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव नजर आ सकता है। वहीं, अधिक मात्रा में लेने पर मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय से जुड़ी समस्या हो सकती है

जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए-
काली मिर्च के गुण जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। कई बार जोड़ों में दर्द और गठिया का मुख्य कारण सूजन हो सकती है, जिसे छुटकारा दिलाने में काली मिर्च मदद कर सकती है। दरअसल, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस प्रभाव पाया जाता है, जो सूजन की समस्या को कम कर गठिया की स्थिति में राहत पहुंचा सकता है

इंफेक्शन से बचने के लिए-
शरीर या त्वचा में इंफेक्शन फैलने का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। ऐसे में इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बैक्टीरिया से छुटकारा पाना जरूरी है। इसके लिए, काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल गुण होता है, जो ई. कोलाई और स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसे कई बैक्टीरिया को दूर रखने का काम कर सकता है

एंटीऑक्सीडेंट-
शरीर में फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) का निर्माण मेम्ब्रेन द्वारा लिपिड के ऑक्सीकरण के कारण होता है। इन फ्री रेडिकल्स के कारण कई बीमारियां हो सकती है। ऐसे में ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि मदद कर सकती है। इससे फ्री रेडिकल्स की समस्या को दूर रखा जा सकता है और गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है

मस्तिष्क के लिए-
काली मिर्च के फायदे मस्तिष्क के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च में मेथनॉलिक अर्क और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो अल्जाइमर जैसे मानसिक रोग से राहत पहुंचा कर याददाश्त को बढाने का काम कर सकते हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या से निजात दिला सकते हैं, जो मस्तिष्क के लिए अच्छा हो सकते हैं

धूम्रपान छोड़ने में मदद करे-
जो लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए काली मिर्च का उपयोग मददगार साबित हो सकता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि काली मिर्च पाउडर की भाप लेने से धूम्रपान की तलब को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा सकता है। इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

त्वचा के लिए-
काली मिर्च के फायदे त्वचा के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, काली मिर्च के उपयोग से बने तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं । इसके अलावा, यह एंटी-एजिंग की तरह काम कर सकता है, मुंहासे कम कर सकता है और विटिलिगो, झुर्रियों व काले धब्बे को कम करने का काम कर सकता है




काली मिर्च का उपयोग :
काली मिर्च का सेवन कई तरह से कर सकते हैं, जो इस प्रकार है:
  • काली मिर्च को सब्जी तैयार करते समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • काली मिर्च को सॉस बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • फास्ट फूड को तीखा बनाने के लिए ऊपर से छिड़का जा सकता है।
  • काली मिर्च की चाय बनाकर पी जा सकती है।
  • काली मिर्च पाउडर और शहद को मिलकर चाटा जा सकता है।
  • इसे हल्दी पाउडर के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं, जो शरीर द्वारा इसके अवशोषण को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
काली मिर्च की चाय बनाने की विधि :
काली मिर्च की चाय के फायदे कई हो सकते हैं। अगर किसी को काली मिर्च की चाय बनानी नहीं आती है, तो वे हमारे इस लेख के मदद से काली मिर्च की चाय बनाना सीख सकता है।
सामग्री :
  • लगभग दो चुटकी ताजा पिसी हुई काली मिर्च
  • एक गिलास पानी
  • दो चम्मच शहद
  • एक चम्मच नींबू का रस
  • एक चम्मच ताजा कटा अदरक


बनाने की विधि:
  • चाय को छानकर पी लें।
  • सबसे पहले पानी को उबाल लें।
  • उसके बाद सभी सामग्रियों को उबलते हुए पानी में डालें।
  • फिर कुछ सेकंड बाद गैस बंद कर दें और कुछ देर के लिए पतीले को गैस पर ही रहने दें।
  • अब इस चाय को हमेशा हल्का गर्म ही पिए।

  • चलिए, अब जानते हैं कि काली मिर्च का सुरक्षित कैसे रखना चाहिए। काली मिर्च का चयन और लंबे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका

    चयन :
    बाजार में काली मिर्च साबुत और पिसी हुई दोनों ही रूप में मिल जाएगी। ऐसे में कोशिश करें कि साबुत काली मिर्च खरीदें, क्योंकि यह मिलावट रहित होती है। जब भी काली मिर्च खरीदें, तो ध्यान दें कि यह छोटी, भारी और साफ-सुथरी हो।

    काली मिर्च के नुकसान –
    काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। नीचे हम इन्हीं काली मिर्च के नुकसान के बारे में बता रहे है
    • काली मिर्च का अधिक सेवन करने से पेट में जलन हो सकती है।
    • काली मिर्च को आंखों के संपर्क में न आने दें। इससे आंखों में जलन हो सकती है।
    • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।

    • इस लेख में हमने काली मिर्च के फायदे को वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर बताने की कोशिश है। यह मिर्च इतनी गुणकारी है कि काली मिर्च के औषधीय गुण आयुर्वेद में भी काफी प्रचलित हैं। इसलिए, सदियों से कई समस्याओं के इलाज में यह सहायक रही है। फिर भी इसे किसी समस्या का सटीक इलाज न समझें। अगर कोई किसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, तो समय गंवाए बिना डॉक्टरी इलाज का सहारा लें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई प्रत्येक जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इस लेख के अंतिम भाग में हम काली मिर्च के संबंध में पाठकों के कुछ सवाल-जवाब लेकर आए हैं।